
इंदौर के 64 साल पुराना शासकीय अटल बिहारी वाजपेयी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय (जीएसीसी) में अब बीएससी की पढ़ाई भी होगी। जिसके लिए सभी प्रकार की तैयारियां भी हो गई है। कॉलेज में बीएससी की कोर्स शुरू होने से 50 से 65 प्रतिशत तक नंबर लाने वाले सैकड़ों छात्रों को नया रास्ता मिल गया है। इंदौर आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज सबसे पुराना कॅालेज है। जिसे 1960 में शुरू किया गया था। अभी इस कॅालेज में लगभग 13 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं। कॉलेज में पहली बार बीएससी (बैचलर ऑफ साइंस) की पढ़ाई शुरू होगी। 2024 के सत्र में एडमिशन भी शुरू कर दिया। जिसके लिए राज्य शासन ने तत्काल असिस्टेंट प्रोफेसर्स के 39 पदों पर सहमति दे दी है।
छात्रों को ऐसे होगा लाभ
इंदौर में बीएससी का कटऑफ कभी 65 फीसदी से कम नहीं रहा है। जिसके कारण साइंस के स्टूडेंट्स एडमिशन को लेकर परेशान होते थे। इंदौर के ही होलकर कॉलेज में लगभग सभी प्रमुख स्पेशलाइजेशन में 70 प्रतिशत औऱ न्यू साइंस में 65 प्रतिशत से कम पर बीएससी में किसी भी छात्र को एडमिशन नहीं मिल पाता है। ऐसे में अब 50 से 65 प्रतिशत तक नंबर लाने वाले छात्रों को जीएसीसी में एडमिशन मिल सकेगा। कॉलेज के रिटायर प्राचार्य प्रो. अनूप व्यास का कहना हैं कि इस पूरे प्रोजेक्ट का सबसे ज्यादा लाभ ग्रामीण छात्रों को मिलेगा। जिन्हें साइंस में एडमिशन मिलने में परेशानी आती थी।
जैसे ही जीएसीसी कॉलेज में नया कोर्स शुरू होगा तो शुरुआत में 39 गेस्ट फैकल्टी बीएससी के छात्रों को पढ़ाएंगे। साथ ही कॉलेज में 13 पद लैब टेक्निशियन और इतने ही लैब असिस्टेंट को मंजूरी दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि बीएससी कोर्स की शुरुआत 300 से ज्यादा सीटों के साथ हो सकती है।
.पुराने बिल्डिंग को उसी स्वरूप में नए तरिके से बनाया जाएगा।
.कम्प्य़ूटर और लाइब्रेरी के लिए किताबें खरीदी जाएंगी। लाइब्रेरी की बिल्डिंग को भी नए सुविधा से जोड़ा जाएगा।
.साइंस कोर्सेस के लिए पूरा ब्लॅाक रहेगा। पुरानी बिल्डिंग इसी प्रकार तैयार होगी।
Published on:
21 Mar 2024 05:50 pm
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