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हिंगोट युद्ध में 65 वर्ष बाद युवा दर्शक की मौत, 35 घायल

हिंगोट भटककर दर्शकों की ओर आया और किशोर के सिर में धंसकर फट गया...

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Hingot war,

गौतमपुरा/इंदौर . गौतमपुरा में दिवाली के दूसरे दिन पड़वा को होने वाले पारंपरिक हिंगोट युद्ध देखने आए किशोर (२६) पिता भरत चौहान निवासी ग्राम दातारवा, बडऩगर की सिर में हिंगोट धंसने से मौत हो गई। युद्ध के दौरान करीब ३५ अन्य घायल हो गए। ज्ञात रहे करीब ६५ वर्ष पूर्व हिंगोट लगने से एक दर्शक की मौत हुई थी। इसके बाद शासन ने दो वर्ष तक हिंगोट युद्ध पर प्रतिबंध लगा दिया था। शुक्रवार को किशोर चौहान हिंगोट युद्ध देखने दोस्तों के साथ पहुंचा था। हिंगोट भटककर दर्शकों की ओर आया और किशोर के सिर में धंसकर फट गया। शनिवार सुबह ९.३० बजे उसकी एमवाय अस्पताल में मौत हो गई।

तुर्रा-कलंगी ने एक-दूसरे पर बरसाई ‘आग’
धोक पड़वा पर पारंपरिक हिंगोट युद्ध का आयोजन हुआ। बडऩगर रोड स्थित मैदान पर तुर्रा और कलंगी दल के बीच एक घंटा ४० मिनट तक हिंगोट के प्रहार हुए। युद्ध का समापन बिना किसी हार-जीत के हुआ। दोनों दल के योद्धा जुलूस के रूप में देवनारायण मंदिर पहुंचे और भगवान के दर्शन कर युद्धभूमि की ओर कूच किया।

तीन बजते ही मैदान पर लगने लगा जमघट
बडऩगर रोड स्थित देवनारायाण मंदिर के सामने वाले मैदान पर हिंगोट युद्ध लड़ा गया। 3 बजते ही दर्शकों का आना मैदान पर शुरू हो गया। 5 बजे तक पूरा मैदान हजारों दर्शकों से भर गया था।

व्यवस्थाओं को देखने के लिए अधिकारियों ने हिंगोट मैदान का मुआयना किया। एसडीएम अदिति गर्ग, एसडीओपी विक्रमसिंह, नायब तहसीलदार एनके मालवीय, टीआई अनिल वर्मा ने मैदान का दौरा कर युद्ध के तैयारी की जनकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। हिंगोट मैदान पर नगर पंचायत द्वारा पानी व बिजली की व्यवस्था के साथ दर्शकों की सुरक्षा के लिए दोनों तरफ जाली लगाई गई। मैदान पर दोनों ओर मेडिकल टीम एबुलेंस के साथ मुस्तैद थई। अग्निशमन वाहन की व्यवस्था भी थी। कानून व्यवस्था के लिए बाहर से बुलाया गया पुलिस बल विषेश रूप से नगर के चप्पे चप्पे पर तैनात रहा। मैदान पर एक दिवसीय मेला भी लगा जिसमें दर्शकों ने हिंगोट युद्ध के साथ झूलों व खान-पान का आनंद भी लिया।