पत्रिका अभियान से जुड़ रहा शहर का हर वर्ग, इंदौर के हित में भाजपा-कांग्रेस के नेताओं की एक राय
इंदौर. मालवा-कल्याण मिल की हरियाली बचाने के लिए पत्रिका अभियान से प्रबुद्धजनों के बाद जनप्रतिनिधियों और आम जनता के जुड़ने का सिलसिला जारी है। भाजपा-कांग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने मिल की जमीन पर बने ऑक्सीजोन को बरकरार रखने की पैरवी की है। सभी ने अपने स्तर पर इस दिशा में प्रयास करने का वादा भी किया है।
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शहर की जरूरत को देखकर हो उपयोगमिल की जमीन का उपयोग शहर के हित को देखते हुए किया जाना चाहिए। यहां जो विशाल पेड़ और जल स्रोत हैं, वे वैसे ही रहने चाहिए। ऑक्सीजोन शहर के लिए जरूरी है। मैं प्रयास करूंगा कि यहां ऐसा विकास हो, जो प्राकृतिक रूप से अनुकूल हो।
शंकर लालवानी, सांसद
बरकरार रहनी चाहिए हरियाली
निश्चित तौर पर दोनों मिलों की हरियाली बरकरार रहनी चाहिए। हुकमचंद मिल के समय भी हमने ये मांग की थी कि वहां सिटी फॉरेस्ट बने। इसी तरह मिलों की जमीन पर प्राकृतिक वातावरण बने, इसके लिए मैं प्रयास करूंगा। हर स्तर पर बात रखनी होगी।पुष्यमित्र भार्गव, महापौर
हरियाली के हिसाब से हो काम
यह बात स्पष्ट है कि इंदौर को स्वच्छ पर्यावरण की आवश्यकता है। जल स्रोतों और पेड़-पौधों को बचाना होगा। इसे ध्यान में रखते हुए मिलों की जमीन पर काम करना चाहिए। हरियाली और जल स्रोतों को बचाकर ही वहां कोई प्रोजेक्ट आकार ले। इसके लिए प्रयास करेंगे।
महेंद्र हार्डिया, विधायक
सिटी फॉरेस्ट बने
कल्याण-मालवा मिल की जमीन ऑक्सीजोन है, जो शहर के पर्यावरण के लिए संजीवनी का काम करता है। इसका प्राकृतिक स्वरूप ऐसा ही रहना चाहिए। पूरी जमीन पर सिटी फॉरेस्ट बनना चाहिए। यहां क्रांकीट निर्माण न हो। शहर हित में इसके लिए मैं प्रयास करूंगा।
संजय शुक्ला, विधायक
हर स्तर पर कांग्रेस पार्षद दल साथ
शहर के पर्यावरण को संतुलित रखने में सरकार विफल साबित हो रही है। घनी आबादी के बीच अगर ऑक्सीजोन है तो उसे बरकरार रखना बेहद जरूरी है। सरकार को इसे सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित करना चाहिए। कांग्रेस पार्षद दल इस मुहिम का हिस्सा बनेगा
चिंटू चौकसे, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम