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पीसी सेठी अस्पताल देगा परीक्षा, 70 प्रतिशत से कम नंबर में फेल

सरकारी अस्पताल को अब परीक्षाओं के दौर से गुजरना होगा। पास होने के लिए 70 प्रतिशत अंक भी लाना होगा। इसे कम अंक आने पर अस्पताल फेल होंगे। शहर के पीसी सेठी अस्पताल की परीक्षा आगामी 10 और 11 मार्च को होगी। परीक्षा लेने के लिए राज्य स्तरीय फाइनल असेसमेंट नेशनल क्वालिटी एसोरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) का दल आ रहा है। पास होने के बाद अस्पताल राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली परीक्षा में शामिल होगा।

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पीसी सेठी अस्पताल देगा परीक्षा, 70 प्रतिशत से कम नंबर में फेल,पीसी सेठी अस्पताल देगा परीक्षा, 70 प्रतिशत से कम नंबर में फेल

इंदौर।

सर्वसुविधायुक्त माना जाने वाले पीसी सेठी हास्पिटल कायाकल्प मिशन के तहत राज्य स्तरीय फाइनल असेसमेंट नेशनल क्वालिटी एसोरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) का राज्य स्तरीय दल 10-11 मार्च को आ रहा है। यह अस्पताल की साफ-सफाई, वार्डों की व्यवस्था व भर्ती मरीजों की सुविधाओं के साथ ही अस्पताल के 12 विभागों की बारीकी से पड़ताल करेगा। निरीक्षण कर अंतिम रिपोर्ट बनाएगा। सभी डिपार्टमेंट को 70 प्रतिशत अंक लाना होंगे। यहां से पास होने के बाद अस्पताल राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेगा। फार्मेसी, रेडियोलॉजी, ओपीडी, एसएनसीयू, मेटरनिटी वार्ड, लेबोरेटरी, लेबर रूम, मेटरनिटी ओटी सहित 12 विभाग हैं, इनके लिए राज्य स्तरीय असेसमेंट होने जा रहा है। इसको लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

भोपाल से इस प्रोग्राम की मेंटर डॉ. ज्योति सिमरोट बनाया गया है। उन्होंने बताया कि हर विभाग को तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस प्रोग्राम के लिए अलग-अलग पैमाने हैं, जिसमें क्वालिटी देखी जाती है। इसमें मरीज को मिलने वाली सुविधाओं से लेकर दवाई का पर्चा तक शामिल रहता है। इस प्रोग्राम की चेक लिस्ट के आधार पर हम अस्पताल की कमियों को दूर कर रहे हैं। मरीजों का संतुष्ट होना जरूरी है। साल में एक बार हॉस्पिटल स्टाफकी संतुष्टि को लेकर भी सर्वे होता है। बता दें, सेठी हॉस्पिटल में 700 से 800 डिलेवरी हर महीने होती है। यहां पर निजी अस्पताल से भी
मरीज आने लगे हैं। अस्पताल में मरीजों को मिलने वाले सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है, यही वजह है कि ओपीडी भी काफी संख्या में हो रही है।

अधिकारियों के साथ चली बैठक

डॉ. सिमरोट ने बताया कि इस प्रोग्राम को लेकर हमने पूरी तैयारी कर ली है। सोमवार को दिनभर स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई। दिल्ली और भोपाल के अधिकारियों ने ट्रेनिंग दी है। राज्य क्वालिटी एश्योरेंस दल पूरे अस्पताल की स्वास्थ सुविधाओं व व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करने एक-एक वार्ड में जाएगा।

99 प्रतिशत अंक मिले थे

डॉ. सिमरोट ने बताया कि पिछले साल लक्ष्य गुणवत्ता में अस्पताल ने 99 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। लक्ष्य प्रोग्राम के लिए एक दल &0-&1 मार्च को आएगा। पिछले साल मोबाइल पर वर्चुअल ही असेसमेंट हुआ था। इस बार दल फिजिकल रूप से अस्पताल में आकर व्यवस्थाएं देखेगा।

टॉप-10 रैंक में शामिल

बाल मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में काफी सुधार हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इसमें पीसी सेठी अस्पताल में स्थित नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई यानी एसएनसीयू की रैंक नौवीं दर्ज की गई है। प्रदेश में सबसे बेहतर एसएनसीयू जेपी हॉस्पिटल भोपाल रहा है। जेपी हॉस्पिटल को फस्र्ट रैंक मिली है। दूसरे नंबर पर रायसेन, तीसरे पर भिंड, चौथे पर सतना, पांचवें पर छिंदवाड़ा, छठे पर रीवा व सातवें पर धार, आठवें पर श्योपुर, नौवें पर पीसी सेठी इंदौर व दसवीं रैक एसएनसीयू खंडवा की रही है। सबसे खराब रैंक 51वीं गुना एसएनसीयू को मिली है।