
Lakshmi Narayan temple
इंदौर। अनंत ब्रह्मांड में शेषनाग पर लक्ष्मी जी के संग विराजे प्रभु वेंकटेश ने लक्ष्मीनारायण स्वरूप में बैकुंठ में विराजित हो पुष्प बंगले में हजारों भक्तों की आंखों और हृदय को प्रफुल्लित किया। श्री वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में चल रहे ब्रह्मोत्सव में भव्य एवं दिव्य फूल बंगला सजाया, जिसमें प्रभु वेंकटेश बालाजी, श्री लक्ष्मी, रामानुज स्वामी और फूलों के झरोखों में विराजे अनंत कोटी 33 करोड़ देवताओं के दर्शन बुधवार को हजारों भक्तों ने किए। पूरा मंदिर परिसर फूलों की खुशबू से महक उठा। लंबी-लंबी कतारे दर्शन के लिए देर रात तक लगी रही।
बुधवार को फूल बंगले में आधुनिक तकनीकी और स्थापत्य कला के अदभूत सामंजस्य द्वारा ३३ करोड़ देवता, जगन्नाथ के रथ के शिखर जैसे शिखर के दर्शन भी हो रहे थे। प्रात: सत्र में प्रणय कलह लीला का आयोजन हुआ, जिसमें भगवान रंगनाथ और श्रीदेवी-भूदेवी संग प्रेम और कलह की लीला के दर्शन हुए जिस में रंग-गुलाल, अबीर भी उड़ाया। प्रभु के प्रेम रस में भक्त रंग गए। सजे-धजे सिंहासन पर नागोरिया पीठाधिपति स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज विराजमान होकर सभी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान कर रहे थे। गुरुवार को फूल बंगले में प्रभु के दर्शन सुबह ७ से प्रारंभ हो जाएंगे जो शाम तक चलेगें।
१२० लोगों की टीम ने बनाया फूल बंगला
उमाशंकर बियाणी ने बताया कि वृंदावन, बिहार व राजस्थान से १२० लोगों की टीम ने फूल बंगले को मूर्त रूप दिया। ५०० किलो केले के तनों के उपयोग और मोगरा-गुलाब, गेंदा, चमेली, जूही, रजनीगंधा आदि ३ हजार किलों फूलों से फूल बंगला सजाया गया।
पारंपरिक रथयात्रा आज
रथ यात्रा समिति के संयोजक भरत तोतला व पवन व्यास ने बताया कि शाम ४.३० बजे वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग से भव्य रथ यात्रा निकलेगी। देश की यह तीसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा है और इस रथयात्रा में हजारों भक्तों को जनसैलाब प्रभु के दर्शन करने उमड़ेगा। भगवान वेंकटेश अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए शहर में पूरे लाव-लश्कर के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे। यात्रा में भक्ति संगीत की मधुर गंगा भजन गायक द्वारकादास मंत्री, हरिकिशन साबू सहित अन्य भजन मंडलियां प्रबु का गुणगान करते हुए चलेगी। रथ यात्रा छत्रीबाग से प्रारंभ होकर नृसिंह बाजार, सीतलामाता बाजार, गोराकुंड चौराहा, शक्कर बाजार, बड़ा सराफा, पीपली बाजार, बर्तन बाजार, बजाज खाना, सांठा बाजार से होते हुए पुन: मंदिर पर आकर समाप्त होगी। रथ यात्रा का ३०० से अधिक स्थानों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत होगा।
Published on:
04 Jul 2019 08:08 am
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