
पिकनिक स्पॉट: प्राकृतिक सौंदर्य से भरे पिकनिक स्पॉट खतरे से खाली नहीं
डॉ. आंबेडकर नगर(महू).
मानूसन के साथ ही पिकनिक स्पॉट गुलजार हो जाते है। इसके साथ यहां आस-पास के ग्रामीणों को रोजगार भी मिल जाता है। जुलाई से लेकर दिसंबर तक इन पिकनिक स्पॉट पर हर शनिवार-रविवार को हजारों की संख्या में सैलानी आते है। ग्रामीण भी चाय, भजीये, भुट्टे, फल, खिलोने आदि की दुकाने लगाकर अपनी कमाई करते है। जामगेट, पातालपानी, चोरल, सीतला माता फॉल आदि जगहों पर सैकड़ो परिवार इन छह महीनों तक जमकर कमाई करते है।
तहसील में दर्जनभर से अधिक पिकनिक स्पॉट
तहसील में मुख्यरूप से दर्जनभर से अधिक पिकनिक स्पॉट है। जिसमें पातालपानी, सीतलामाता फॉल, जामगेट, बामनिया कुंड, मेहंदी कुंड, चोरल नदी, चोरल डेम, नखेरी डेम, कजलीगढ़, छोटा अमरनाथ, कुशलगढ़,आंबाझर आदि शामिल है।
घने जंगलों में बसा होलकर कालीन इतिहास
तहसील के घने जंगलों में होलकर कालीन इतिहास आज भी बेहतर स्थिति में है। कुछ समय पहले ही पुरात्तव विभाग और पर्यटन विकास निगम ने इन होलकर कालीन इमारतों को दुरुस्त किया है। पर्यटन विभाग ने जामखुर्द स्थित किले का सुधार कार्य पिछले साल ही पूरा हुआ है। इसके साथ कुशलगढ़ किला जो होलकर कालीन समय में बंदीगृह हुआ करता था, उसे भी बेहतर किया है। पिछले साल ही मालवा और निमाड़ के द्वार जामगेट को भी ठीक किया गया है। यह सभी सुधार कार्य लाइम क्रांकिट से किया गया है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते है।
सावधान: ये पर्यटन स्थल है खतरनाक, कई की हुई मौत
तहसील के कई पर्यटक स्थल जहां सुखद अहसास कराते है, वहीं कुछ स्थल ऐसे भी है, जो कईयों ने अपनी जान गंवाई है। पातालपानी- झरने के मुहाने पर पर्यटक सेल्फी के चक्कर में पहुंच जाते है। पेर फिसलने और अचानक पानी बढऩे से सीधे खाई में गिरने का डर बना रहता है। 2011 में भी कुछ लोग पानी के तेज के चलते खाई में गिर गए थे, हादसे में सभी की मौत हो गई थी। तीन वर्ष पहले एक युवती सेल्फी के चक्कर में झरने के मुहाने से गिर गई थी। इंदौर- खंडवा रोड स्थित चोरल नदी प्रमुख पिकनिक स्पॉट है। यहां बारिश के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक आते है, जो बीच नदी में जाकर फोटोग्राफी करते है। नदी में अचानक पानी बढऩे पर्यटक बाहर नहीं निकल पाते है। यहां कई लोग इस तरह अपनी जान गवां चुके है। मेहंदी कुंड और बामनिया कुंड में भी नहाने के उतरे कई लोग अपनी गंवा चुके है। ११ अपै्रल को ही नहाने गए कॉलेज स्टुडेंट की मौत हो गई थी।
६ महीने रहता जश्न सा माहौल
चौरडिय़ा निवासी आकाश कोहली हर साल जुलाई से लेकर दिसंबर तक पातालपानी में चाय-नाश्ते की दुकान लगाते है। कोहली ने बताया कि इन ६ महीने तक हर शनिवार और रविवार को यहां जश्न जैसा महौल होता है। हजारों की संख्या में पर्यटक आते है। यहां ६० से ७० दुकाने है। जिससे बारिश के चलते इतने की परिवारों को रोजगार मिल जाता है। जितना हम साल में नहीं कमाते है, उतना जुलाई से दिसंबर तक कमा लेते है।
Published on:
11 Jul 2023 07:46 pm
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