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विलुप्त हो रही गौरेया के संरक्षण का लिया संकल्प, घरोंदे तैयार किए

प्राकृतिक प्रेमी संस्था थैंक यू नेचर वेल्फेयर सोसायटी की पहल, दिवगंत अध्यक्ष सुशील तारे की अंतिम स्पीच को संस्था ने 300 घर बनाकर साकार किया

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Pledged to conserve extinct Gourea

Pledged to conserve extinct Gourea


मंडलेश्वर (खरगोन) . प्रकृति प्रेमी संस्था थैंक यू नेचर वेल्फेयर सोसायटी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए जाने वाले अभियानों में शनिवार की शाम एक और अभियान जुड़ गया। विलुप्त हो रही गौरैया के संरक्षण के लिए मिशन चिडिय़ा आवास शुरू किया गया । झंडा चौक पर नागरिकों की मौजूदगी में संस्था के दिवंगत अध्यक्ष स्व. सुशील तारे के भांजे गीते के साथ समाजसेवी नवींचन्द जैन, लेखक मुफज्जल हुसैन, इतिहासकार दुर्गेश राजदीप, डॉ. प्रसन्न जैन, डॉ. स्वप्निल श्रीवास्तव ने गौरैया के लिए प्लायवुड से बने सुंदर घर का प्रकृति को समर्पण किया गया। स्व. सुशील तारे ने गौरैया के तेजी से घटती संख्या को लेकर चिंतित रहते थे।
उसी को ध्यान में रखकर थैंक यू नेचर द्वारा गौरैया के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया गया है । संस्था सचिव रुपेश शर्मा ने बताया कि क्वालिटी युक्त प्लाय व पेंट से सुंदर आकर्षक घरौंदे बनाए हैं। यह घरौंदे पर्यावरण प्रेमियों को स:शुल्क दिए जाएंगे। 300 से अधिक घर तैयार किए हैं। अध्यक्ष महादेव सिंह पटेल व मीडिया प्रभारी नवीन कुमार ने आभार माना ।
दस हजार चिडिय़ा आवास बनाने की योजना
अभियान के प्रभारी इंजीनियर रूपेश शर्मा ने बताया कि संस्था ने नगर में दस हजार चिडिय़ा आवास बनाने लक्ष्य रखा है। डॉ. प्रसन्न जैन ने कहा कि हमारे इको सिस्टम में हर प्राणी का अपना महत्व है । यदि एक भी जीव हमारे पारिस्थितिक तंत्र से कम होता है, तो उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है । इसलिए गौरैया को बचाना भी जरूरी है । नवीन चंद जैन ने पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की। दुर्गेश राजदीप ने कहा कि गौरैया हमारे परिवार का सदस्य हुआ करती थी जो अब घरों में या घर के आस.पास नहीं दिखाई देती है जो चिंता का विषय है।