
भोपाल. खैर की लकड़ी तस्कर गिरोह का मास्टरमाइंड इकबाल को एमपी, यूपी, महाराष्ट्र राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड की पुलिस 14 माह से ढूंढ रही है। इसे हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने हार्निया के ऑपरेशन के लिए जमानत दी थी। इसके बाद से वह गायब है।
पुलिस इसके निवास हरियाणा सहित कई ठिकानों पर दबिश दे चुकी है। वन विभाग के एसटीएफ को आशंका है कि वह दुबई भाग चुका है। वहीं सरगना शहजाद अली ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है। इंदौर हाईकोर्टने इसे 90 दिन के लिए पैरोल दी थी।
अब इसने अपनी फ्त्नी के इलाज के लिए पैरोल बढ़वाने के साथ जमानत याचिका लगाई है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने वन विभाग की एसटीएफ से जवाब मांगा है। क्योंकि इसका दायां हाथ इकबाल को दस लाख रुपए के मुचलके पर दस दिन के लिए छोड़ा गया था, लेकिन यह 14 माह बाद भी लौटकर नहीं आया।
कत्था फैक्ट्रीसील
इस गिरोह से लकड़ी खरीदने वाले दिल्ली निवासी सुमित और रामवीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। सुमित की सोनीपत में कत्था फैक्ट्री है, जिसमें रामवीर मैनेजर था। यह गिरोह से खैर की लकड़ी खरीदता था। फैक्ट्री में लकड़ी से कत्था बनाया जाता था। दिल्ली निवासी विनोद तिपाल इन्हें चोरी की लकड़ी परिवहन के लिए ट्रक उपलब्ध कराता था। मध्य प्रदेश से इनके लिए लकड़ी उपलब्ध कराने का काम झाबुआ निवासी साजिद अली करता था।
Published on:
24 Oct 2021 05:11 pm
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