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विरोध, आरोप, सफाई की बैठकों में उलझी इंदौर-5 की दावेदारी

बदलाव की मांग हुई तेज, रात में ही हुई विधायक समर्थकों की बैठक विधानसभा संयोजक और प्रभारी बोले-बैठक संगठन की थी

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इंदौर

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Anil Phanse

Oct 04, 2023

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इंदौर। विधानसभा- 4 की तर्ज पर विधानसभा-5 में भी बदलाव की मांग तेजी से उठ रही है। कार्यकर्ताओं ने अपनी मंशा से शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत करा दिया है। प्रदेश संगठन से लेकर दिठ्ठस्रठ्ठह्म् तक लिखित दस्तावेज सौंपकर बता दिया गया है कि क्षेत्र में नाराजी भाजपा से नहीं, व्यक्ति से है। कल एक महत्वपूर्ण बैठक पूर्व पार्षद की होटल में रखी गई। इस बैठक में विधायक और नगर अध्यक्ष को सूचना तक नहीं दी गई, जबकि बैठक पूर्व संगठन ने सौंपे कामों की समीक्षा के नाम पर रखी गई थी।

इस बैठक की सूचना जब विधायक हार्डिया को लगी तो देर रात उनके यहां बैठक हुई। इसके बाद उनके समर्थक जो बैठक में मौजूद थे वे सफाई देते रहे। सफाई में सोशल मीडिया पर कुछ ने तो वीडियो भी जारी किए। इधर, विधानसभा प्रभारी और संयोजक ने भी स्पष्ट किया कि यह बैठक संगठन की थी। दरअसल, विधानसभा पांच में पूर्व पार्षद से लेकर संगठन से जुड़े कुछ कार्यकर्ता बदलाव की मांग कर रहे हैं। यहां पर 20 साल से विधायक महेंद्र हार्डिया हैं। बदलाव की मांग करने वालों के आरोप है कि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। संगठन के आयोजनों की सूचना नहीं दी जाती। इससे कई वरिष्ठ कार्यकर्ता घर बैठ गए हैं। विधानसभा में अब नए चेहरे की मांग की जा रही है। कल की बैठक विधानसभा प्रभारी होलास सोनी और विधानसभा संयोजक उमेश भारद्वाज ने बुलाई थी। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष, पूर्व मंडल अध्यक्ष, पार्षद, पूर्व पार्षद सहित अन्य संगठन से जुड़े पदाधिकारी आमंत्रित थे। करीब 150 से 200 कार्यकर्ता इस बैठक में पहुंचे थे। बैठक में मौजूद कुछ कार्यकर्ताओं ने विधानसभा में लगातार हो रही लीड कम का मुद्दा भी उठा दिया। पूर्व पार्षद दिलीप शर्मा ने तो यहां तक कहा कि यदि समय रहते नहीं संभले तो विधानसभा हाथ से चली जाएगी। उन्होंने सिलसिलेवार विधानसभा में कम होते वोटों की जानकारी भी रखी। शर्मा ने तो यहां तक कहा कि युवा चेहरे को मौका दिया जाना चाहिए। राजा कोठारी बोले कि हमारा तीन बार टिकट काटा फिर भी हम संगठन में निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं। संगठन को सोचना चाहिए। पप्पी शर्मा ने कहा कि वार्ड अध्यक्ष केवल पार्षद की सुनते हैं। नीचे तक के कार्यकर्ताओं को सूचना तक नहीं दी जाती है। यह संगठन के लिए गलत है।