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आरक्षण का पेंच : पीएससी अभ्यर्थियों ने चलाया लैटर लिखो अभियान

पीएससी 2019 के इंटरव्यू के साथ 2020 की मुख्य और 2021 की प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट भी अधर में

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इंदौर.
प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे विवादों के कारण पीएससी और पीईबी की भर्ती प्रक्रियाएं अटकी हुई है। करीब तीन साल से चल रही उहापोह से परेशान होकर अभ्यर्थियों ने अब लैटर लिखो अभियान चलाया है। हजारों अभ्यर्थी मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरक्षण संबंधी याचिका पर अंतिम फैसला सुनाने का निवेदन कर रहे है।
मालूम हो, राज्य सरकार ने तीन साल पहले ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया। इसे अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा कोर्ट में चुनौती दी गई। तब से अब तक एक भी भर्ती नहीं हो सकी है। 14 या 27 फीसदी के असमंजस के कारण पीएससी (लोक सेवा आयोग) की ही परीक्षाओं के नतीजे रूके है। इनमें मुख्यतौर पर राज्य सेवा परीक्षा 2019 के इंटरव्यू राज्य सेवा परीक्षा 2020 की मुख्य और राज्य सेवा परीक्षा 2021 की प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे शामिल है। अभ्यर्थियों द्वारा बार-बार मिल रहे आवेदनों के मद्देनजर पीएससी शासन को भी मार्गदर्शन के लिए पत्र लिख चुका है लेकिन, कोई नतीजा नहीं निकल सका। अब परेशान अभ्यर्थियों ने लैटर लिखो अभियान छेड़ते हुए जल्द निराकरण की मांग की है। वे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरक्षण संबंधी प्रकरण की जल्द सुनवाई कर फैसला सुनाने की मांग कर रहे है। पीएससी 2019 के इंटरव्यू के साथ 2020 की मुख्य और 2021 की प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट भी अधर में है।
पीएससी ने साथी चुप्पी
इधर, नतीजों को लेकर पीएससी ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जब तक आरक्षण पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता तब तक नतीजे जारी नहीं किए जा सकेंगे।