
land owners will get compensation before Rakshabandhan (फोटो सोर्स : क्रिएटिव)
MP News: रक्षाबंधन से पहले पश्चिमी रिंग रोड(Western Outer Ring Road) के जमीन मालिकों के खाते में मुआवजा राशि जमा करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। भू-अर्जन अधिकारी ने जमीन मालिकों के नाम और खाता नंबरों की सूची आगे बढ़ा दी है। थ्री लेयर प्रक्रिया के पहले चरण का काम पूरा हो गया है। बाकी दोनों लेयर में ऑनलाइन जांच होगी। इसके बाद ऑनलाइन राशि खाते में जमा होगी।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) इंदौर में 64 किमी लंबा और 80 मीटर चौड़ा पश्चिमी रिंग रोड बनाने जा रहा है, जो एनएच-52 में नेट्रेक्स के पास से शुरू होकर शिप्रा नदी के नजदीक खत्म होगा। इसमें इंदौर जिले के 26 गांवों की करीब 600 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा रही है। गाइड लाइन व संपत्ति की गणना कर 750 करोड़ रुपए से अधिक मुआवजा दिया जाएगा। देपालपुर, हातोद और सांवेर के एसडीओ व भू-अर्जन अधिकारियों ने गांववार जमीन मालिकों की बैंक खाते के साथ मुआवजा राशि वाली सूची तैयार कर ली है। सारी प्रक्रिया एनएचएआइ के ऑनलाइन पोर्टल पर हो गई है। जांच का थ्री लेयर सिस्टम बनाया गया है। इसमें जमीन मालिक के नाम से बैंक खातों का मिलान होता है। दिक्कत आने पर सिस्टम संकेत दे देगा और जांच में ओके होने पर ही फाइल आगे बढ़ेगी।
नए इंदौर के लिए आउटर रिंग रोड(Western Outer Ring Road) को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देवास बायपास बनने के बाद दस किमी आगे तक बसाहट हो गई है। वैसी ही स्थिति यहां भी हो सकती है। इसके साथ पश्चिमी क्षेत्र में दो बड़ी सड़कें और आ रही हैं। इनमें से एक इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर एमपीआइडीसी बना रहा है तो दूसरी सड़क आइडीए की है, जिसे अहिल्या पथ नाम दिया गया है। सड़क का काम जल्द शुरू होने वाला है। पहले एनएचएआइ जुलाई में काम शुरू करना चाहता था, लेकिन तय हुआ कि जमीन मालिकों के खाते में पैसा जमा होने के बाद कब्जा लिया जाएगा।
अधिग्रहित होने वाली 600 हेक्टेयर जमीन में से 10 से 15त्न ऐसी हैं, जिनमें मुआवजे को लेकर असमंजस है। कुछ जमीनों पर बंटवारा व अन्य प्रकार का पारिवारिक विवाद चल रहा है। तहसीलवार निराकरण होने के बाद असली मालिक के खाते में मुआवजा जमा कराया जाएगा।
Published on:
19 Jul 2025 10:05 am
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