
450 करोड़ की सड़क, ठेकेदार कंपनी ने अब तक वसूले 1461 करोड़, वसूली अब भी जारी
इंदौर. देश के जावरा-नयागांव रोड और लेबड़-जावरा सड़क के टोल टैक्स बंद करने को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में पूर्व विधायक पारस सकलेचा द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका पर बुधवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन नंबर नहीं आ सका। अगले सप्ताह सुनवाई होने की उम्मीद है। याचिका में मुद्दा उठाया गया है कि जावरा-नयागांव सड़क पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर करीब 450 करोड़ रुपए में बनी थी। नवंबर 2020 तक इस सड़क पर बने टोल टैक्स से 1461 करोड़़ रुपए जनता से वसूले जा चुके हैं और अब भी वसूली जारी है। इसी तरह लेबड़-जावरा मुख्य मार्ग 605 करोड़ रुपए में तैयार हुआ था और उससे नवंबर 2020 तक करीब 1315 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं। यहां भी वसूली अभी जारी है। सकलेचा का कहना है, जब दोनों ही टोल से दो से तीन गुना तक वसूली हो चुकी है तो अब उन्हें बंद कर दिया जाना चाहिए। याचिका में एमपीआरडीसी को पक्षकार बनाया गया है। सकलेचा का कहना है, एमपीआरडीसी टोल 25-25 साल की वसूली के टेंडर कर रही है, जिसके चलते लागत से कई गुना अधिक पैसा ठेकेदार कंपनी वसूल लेती है और जनता का नुकसान होता है।
जिला कोर्ट में वकीलों को बैंड लगाने की अनिवार्यता का सख्ती से होगा पालन
इंदौर. इंदौर सहित प्रदेश की सभी जिला कोर्ट में अब वकीलों के गले में पहने जाने वाले बैंड की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाएगा। एडवोकेट्स रूल्स में काले कोर्ट के साथ बैंड लगाना अनिवार्य है, लेकिन इसके पालन में लापरवाही देखी गई है। पिछले दिनों जबलपुर जिला कोर्ट में ऐसा ही एक फर्जी वकील काला कोर्ट पहनकर मिला था। इसे देखते हुए स्टेट बार काउंसिल के कार्यकारी अध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने प्रदेश के सभी जिला जजों को पत्र लिखकर न्यायालय में वकीलों के गले में बैंड की अनिवार्यता का सख्ती से पालन करवाने की मांग की है। बार एसोसिएशन को भी यह पत्र लिख सदस्य वकीलों को बैंड अनिवार्य रूप से लगाने की बात लिखी गई है। इंदौर बार एसोसिएशन के सचिव कपिल बिरथरे ने पत्र लिखे जाने की पुष्टि की है।
Published on:
28 Mar 2022 04:23 pm
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