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शिशु नहीं फीस बढ़ोतरी का कुंज है शिशुकुंज

चार साल में स्कूल फीस दो गुना से ज्यादा हो गई

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Hussain Ali

Mar 10, 2016

स्कूल परिसर पहुंचकर पालकों ने जताया फीस वृद्धि का विरोध
इंदौर.
शिशुकुंज इंटरनेशनल स्कूल में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ बुधवार को सैकड़ों पालक स्कूल पहुंचे और हंगामा किया। 250 से ज्यादा पालकों को देख प्रबंधन ने मेन गेट पर ही रोक दिया। इंतजार के बाद सिर्फ पांच पालकों को भीतर जाकर चर्चा करने की अनुमति दी गई।
पालकों का कहना है, चार साल में स्कूल फीस दो गुना से ज्यादा हो गई है, जबकि प्रबंधन हर साल 15 फीसदी फीस बढ़ाने का दावा कर रहा है। पालक ों के मुताबिक, नर्सरी से केजी, केजी से पहली क्लास और चौथी से पांचवी क्लास में जाने वालों बच्चों की अतिरिक्त फीस बढ़ाई गई। उनके प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को स्कूल प्रबंधन को ई-मेल कर चर्चा के लिए मिलने की सूचना भेजी थी। इसके बावजूद बुधवार को पहुंचे पालकों को मेनगेट पर ही रोक दिया। सुरक्षाकर्मियों ने व्यवस्था का हवाला दिया तो पालकों ने आक्रोश जताते हुए पूछा कि पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग में भी तो सभी एक साथ आते हैं, फिर अब कौन सी व्यवस्था बिगडऩे का डर सता रहा है? करीब आधे घंटे बाद प्रबंधन की ओर से प्रतिनिधि आया। लंबी बहस के बाद पांच लोगों को चर्चा के लिए स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी गई।
नहीं निकला नतीजा
स्कूल डायरेक्टर प्रेम सेठिया व अन्य से पालकों ने फीस बढ़ाने का आधार पूछा। इस पर प्रबंधन स्लैब समझाने की कोशिश करने लगा। पालकों ने कहा, किस गाइड लाइन के तहत स्लैब से फीस बढ़ाई जा रही है। हमारे साथ सैकड़ों बच्चों के माता-पिता स्कूल के बाहर परेशान हो रहे हैं। जो भी समझाना चाहते हैं, सभी को एक साथ समझाइए। प्रबंधन ने इससे इनकार करते हुए कहा, अगर एक-एक पालक आकर चर्चा करना चाहे तो हम तैयार हैं। लंबी बैठक के बाद भी पालक प्रबंधन के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुए। प्रबंधन ने फीस को लेकर जल्द स्पष्टीकरण जारी करने का भरोसा दिया। पालकों ने सप्ताहभर में दोबारा बैठक कर विरोध की रणनीति बनाने का फैसला लिया है।
भ्रमित न करें संचालक
इंदौर पैरेंट्स एसोसिएशन के अनुरोध जैन ने कहा, निजी स्कूलों ने पिछले कुछ वर्षों में बेतहाशा फीस बढ़ाई। पालक वजह पूछ रहे हैं तो उन्हें भ्रमित किया जा रहा है। सभी स्कूलों की फीस निर्धारित करने के लिए एक ही नियम होना चाहिए।
प्रबंधन ने कहा, हम वापस नहीं लेंगे
फीसवृद्धि दिनभर के घटनाक्रम के बाद बुधवार शाम ईमेल कर स्कूल प्रबंधन ने फीसवृद्धि वापस करने से इनकार कर दिया। प्रबंधन ने पालकों को लिखा, शैक्षिक सुविधाओं को उन्नत करने के लिहाज से सोच-विचार के बाद फीस में संशोधन किया है। स्कूल का फीस स्ट्रक्चर हमेशा मानव संसाधन, सुविधाओं के अनुसार ही होता है। पांच प्रतिशत पालकों की गलतफहमी के चलते 95 प्रतिशत से अधिक पालकों की उम्मीदों की अनदेखी नहीं कर सकते। फीस और स्कॉलरशिप के मामलों पर प्रबंधन के वरिष्ठ लोग 14-15 मार्च के बाद पालकों से व्यक्तिगत रूप से मिलने को तैयार हैं। इस मामले में कोई ग्रुप मीटिंग या ओपन हाउस मीटिंग नहीं होगी। ईमेल में प्रबंधन ने लिखा है, बुधवार को पहुंचे करीब 125 पालकों में से कुछ ने उन लोगों से गलत तरीके से बात की, जो उनके बच्चों की देखभाल करते हैं।
प्रतिवेदन शासन के पास भेजेंगे
मामले में शिकायत आई है। प्रतिवेदन तैयार कर शासन के पास भेजा जा रहा है।
पी. नरहरि. कलेक्टर

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