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रक्षाबंधन पर बहन ने गिफ्ट की अपनी ‘किडनी’, भाई बोले- सातों जन्म में मिले ऐसी बहन

बहनों ने अपनी भाई की जान बचाने के लिए अपनी किडनी देने की इच्छा जताई। एक बहन की किडनी मैच हुई तो ट्रांसप्लांट किया गया।

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इंदौर

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Hussain Ali

Aug 09, 2019

indore

रक्षाबंधन पर बहन ने गिफ्ट की अपनी ‘किडनी’, भाई बोले- सातों जन्म में मिले ऐसी बहन

इंदौर. रक्षाबंधन ( Raksha Bandhan ) पर बहन ( sister ) की रक्षा करने का संकल्प भाई लेता है, लेकिन बहनों ने अपनी भाई की जान बचाने के लिए अपनी किडनी देने की इच्छा जताई। एक बहन की किडनी मैच हुई तो ट्रांसप्लांट किया गया। बहनों का ऐसा प्यार देखकर भाई ने कहा कि मुझे सातों जन्म में ऐसी बहनें मिले।

एरोड्रम इलाके के अग्रसेन नगर निवासी रामकृष्ण अग्रवाल (50) की दोनों किडनी फेल हो गई थीं। उनकी बहन निर्मला अग्रवाल निवासी एरोड्रम रोड, सुरेखा अग्रवाल निवासी गुना, रुबी अग्रवाल निवासी सीहोर, पूर्णिबाला निवासी इंदौर को पता चली तो एक किडनी भाई को देने की बात कही। बहनों की भावना देख परिवार के लोग भावुक हो गए। मेडिकल चेकअप के बाद छोटी बहन निर्मला की किडनी मैच होने पर इसे रामकृष्ण को लगाना तय हो गया, लेकिन परिवार के सामने दूसरी परेशानी इलाज के खर्च की थी।

ऑपरेशन पर आ रहा था चार लाख का खर्च

ऑपरेशन पर चार लाख रुपए का खर्च आ रहा था। संस्था इंदौरियंस को जब परिवार की परेशानी पता चली तो वे मदद के लिए आगे आए। संस्था के रवि गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के तहत आर्थिक मदद के लिए प्रयास शुरू किए गए। आखिरकार परिवार को चार लाख रुपए की आर्थिक मदद सरकार की तरफ से मिल गई। इसके बाद गुरुवार को चोइथराम अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट कर दी गई। आपरेशन सफल होने से पूरा परिवार काफी खुश नजर आया।

भाग्यशाली हैं कि ऐसी बहनें मिलीं

आपरेशन के लिए जाने के पहले रामकृष्ण काफी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, बहनों ने मेरी जान बचाने के लिए पलक झपकते ही किडनी देने सहमति दे दी। एक भाई का दायित्व होता है कि वह बहन की रक्षा करे, लेकिन मेरी तो बहनों ने जान की रक्षा की। सातों जन्म मुझे ऐसी बहनें मिलें, भगवान से यही कामना है। रामकृष्ण की पत्नी त्रिवेणी, बेटे हर्षित, बेटी हर्षिता भी ऑपरेशन सफल होने के बाद से खुश है। उन्होंने कहा, निर्मला जितना भी धन्यवाद दें, वह कम है। हम भाग्यशाली हैं कि उन्हें ऐसी बहनें मिली हैं।