
स्मार्ट सिटी की सड़क से धर्मस्थल पर तोडफ़ोड़ बड़ी चुनौती,स्मार्ट सिटी की सड़क से धर्मस्थल पर तोडफ़ोड़ बड़ी चुनौती,स्मार्ट सिटी की सड़क से धर्मस्थल पर तोडफ़ोड़ बड़ी चुनौती,स्मार्ट सिटी की सड़क से धर्मस्थल पर तोडफ़ोड़ बड़ी चुनौती,स्मार्ट सिटी की सड़क से धर्मस्थल पर तोडफ़ोड़ बड़ी चुनौती
इंदौर. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सड़क चौड़ीकरण के लिए नगर निगम ने सख्त रवैया रखते हुए आम लोगों के बाधक निर्माण हटा दिए, लेकिन धर्मस्थलों को हटाने के नाम पर घुटने टेक दिए। इसका कारण राजनीतिक हस्तक्षेप और लोगों का विरोध करना बताया जा रहा है। जयरामपुर कॉलोनी से गोराकुंड चौराहा तक की सड़क को छोड़कर स्मार्ट सिटी की अन्य रोड का चौड़ीकरण हो गया और लगभग तैयार हो गई, लेकिन मंदिर-मस्जिद न हटने से राह में रोड़ा बन रहे हैं।
जयरामपुर कॉलोनी से गोराकुंड चौराहा के बीच मंदिर-मस्जिद सहित 17 धर्मस्थल हैं, जिनके निर्माण रोड चौड़ीकरण में बाधा बन रहे हैं। निगम अफसरों की मानें तो 17 में से तीन धर्मस्थल हटाना बड़ी चुनौती है। इसमें मंदिर व दरगाह दोनों शामिल हैं। इन तीन बड़े धर्मस्थलों की बजाय बाकी को हटाना मुश्किल नहीं है, क्योंकि यह मंदिर के पीछे खाली पड़ी जमीन पर ही शिफ्ट हो जाएंगे। चुनौती छत्रीबाग स्थित वेंकटेश मंदिर, राजस्व ग्राम में धुनीवाले बाबा और सिलावटपुरा दरगाह को हटाना है। निगमायुक्त के आदेश पर इन स्थलों को हटाने के लिए स्थानीय रहवासियों से चर्चा की जा रही है। जिला प्रशासन और पुलिस की भी मदद ली जा रही है। दीपावली बाद प्लानिंग कर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बन रही और बन चुकी सड़क के सभी बाधक धर्मस्थल हटा दिए जाएंगे। बाधकस्थल हटने से ट्रैफिक की हालत सुधरेगी क्योंकि जिन रोड पर ट्रैफिक शुरू हो गया, वहां मंदिर-मस्जिद के निर्माण आड़े आने से परेशानी होती है।
ट्रैफिक होता रहता है बाधित
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत महू नाका से टोरी कॉर्नर तक रोड चौड़ीकरण किया गया। इस रोड पर कई मंदिर शिफ्ट करने के साथ मस्जिद के बाधक निर्माण को तोड़ा गया है, वहीं अब भी दो-चार मंदिर शिफ्टिंग के लिए बचे हैं। ऐसे ही हालात सरवटे से गंगवाल बस स्टैण्ड तक बन रही रोड के हैं। यहां लोगों के मकान-दुकान तोडऩे के बाद जहां निगम टुकड़े-टुकड़े में काम कर रहा है, वहीं रोड के अधिकतर हिस्से में सड़क भी बन गई और ट्रैफिक शुरू हो गया है। सिलावटपुरा दरगाह तिराहा से बियाबानी मेन रोड होते हुए गंगवाल बस स्टैंड तक सड़क तो बन गई, लेकिन मंदिर-मस्जिद नहीं हटे हैं। इससे ट्रैफिक बाधित होता रहता है। बाधक निर्माण हटाने का प्रयास निगम लंबे समय से कर रहा है, लेकिन सफल नहीं हो पा रहा।
यहां पर भी नहीं हटी बाधाएं
कनाडिय़ा रोड पर बंगाली चौराहा से पत्रकार कॉलोनी चौराहा के बीच सड़क चौड़ीकरण में चार बड़े बाधक धर्मस्थल अभी तक नहीं हटे हैं, जबकि रोड बनने के साथ ट्रैफिक शुरू हो गया है। मंदिर-मस्जिद का निर्माण हटाने को लेकर निगम को हाई कोर्ट ने हरी झंडी दे रखी है। इसके बाद भी इन धर्मस्थलों को निगम नहीं हटा पाया है। कारण एक-दूसरे को पहले हटाने की होड़ और राजनीतिक हस्तक्षेप है। विजय नगर चौराहा पर माताजी के साथ एक-दो मंदिर हैं, जो पुराने आरटीओ ऑफिस के पास बने हैं। बीआरटीएस पर इस मंदिर के हटने से ट्रैफिक सुधारने को लेकर राहत मिलेगी, लेकिन कुछ लोगों के विरोध करने के चलते मामला लंबे समय से अटका है। अनूप टॉकिज के पास से गई एमआर-9 पर टॉकिज के सामने बजरंग नगर तरफ से आ रही रोड के चौराहे पर मंदिर व बीआरटीएस पर छोटी खजरानी के यहां मस्जिद का कुछ हिस्सा अब भी बाधक है, लेकिन निगम इसे हटा नहीं पाया। इसके हटने से बीआरटीएस पर रैलिंग के बाहर चलने वाले वाहनों को राहत मिलेगी। केसरबाग रोड पर आरटीओ ऑफिस के यहां डिवाइडर पर मंदिर है। इसे निगम नहीं हटा पाया है, जबकि रोड बने काफी समय हो चुका है।
जल्द ही हटाएंगे
स्मार्ट सिटी रोड के बाधक धर्मस्थल हटाने की प्लानिंग आयुक्त के निर्देशन में की जा रही है। जल्द ही इन्हें हटाया जाएगा।
डीआर लोधी, अधीक्षण यंत्री, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
Published on:
17 Oct 2019 11:05 am
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