महापौर ने की घोषणा नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की कमेटी करेगी देखरेख
इंदौर. गांधी हॉल का जीर्णोद्धार करने के बाद स्मार्ट सिटी कंपनी ने इसके सही तरह से संचालन और देखरेख के लिए टेंडर जारी किया था। लेकिन गांधी हॉल से जुड़ा कोई भी फैसला लेने पर स्मार्ट सिटी पर रोक लगा दी गई है। इसकी घोषणा खुद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने की।
गांधी हॉल के संचालन और देखरेख को लेकर टेंडर जारी होते ही इसका विरोध होना शुरू हो गया था। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे, कांग्रेस नेता राजेश चौकसे, गिरधर नागर सहित अन्य नेताओं ने इसका विरोध किया था। कांग्रेस नेताओं ने इसको लेकर साफ कहा था कि गांधी हॉल शहर की धरोहर है। इसे किसी निजी हाथों में सौंपना शहर के साथ धोखा है। उन्होंने ऐसा करने पर सड़कों पर उतरकर विरोध करने की घोषणा की थी। वहीं इसको लेकर शहर की जनता ने भी विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया था। वहीं चुनावी साल में कांग्रेस के इसे मुद्दा बनाने की तैयारी को देखते हुए भाजपा के नेता भी इस फैसले को लेकर सहमत नहीं दिख रहे थे। जिसके चलते इसको लेकर चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। महापौर भार्गव के मुताबिक चूंकी ये शहर की धरोहर और पहचान है। इसलिए स्मार्ट सिटी कंपनी ने इसके जीर्णोद्धार का काम किया था। लेकिन इसका मेंटेनेंस इसका संचालन कैसे होगा ये शहर के जनप्रतिनिधि और प्रबुद्ध नागरिक तय करेंगे। इसके लिए सभी मिलकर चर्चा करेंगे और उसके अनुसार ही इसका संचालन किस तरह से किया जाए इसका फैसला लिया जाएगा। फिलहाल इसके संचालन को लेकर जो प्रक्रिया स्मार्ट सिटी कंपनी ने शुरू की थी, उसे रोकने के लिए कहा गया है।
राजबाड़ा और गोपाल मंदिर पर कोई फैसला नहीं
गांधी हॉल के संचालन का काम प्रबुद्ध नागरिकों के साथ मिलकर तय करने का फैसला तो ले लिया गया है। लेकिन राजबाड़ा और गोपाल मंदिर जिनका जीर्णोद्धार का काम स्मार्ट सिटी कंपनी ने किया है। उसको लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। महापौर ने इसमें भी किसी तरह की कमेटी बनाने से फिलहाल इंकार किया है।