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स्मार्ट पार्किंग में अब आप व्यस्ततम बाजारों में जाने से पहले बुक कर सकेंगे पार्किंग

आईओटी आधारित स्मार्ट पार्किंग बन रही शहरों का भविष्य- मुख्य बाजार से लगी सड़कों पर क्षमता से 128 से 165 फीसदी ज्यादा पार्किंग- अधिकांश वाहन 2 से 2.5 घंटे के लिए होते है पार्क- भविष्य में यह 300 से 500 फीसदी हो जाएगी

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इंदौर

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Sandeep Pare

Apr 09, 2023

स्मार्ट पार्किंग में अब आप व्यस्ततम बाजारों में जाने से पहले बुक कर सकेंगे पार्किंग

स्मार्ट पार्किंग में अब आप व्यस्ततम बाजारों में जाने से पहले बुक कर सकेंगे पार्किंग

इंदौर, सिटी रिपोर्टर। शहर का आवासीय फैलाव हो रहा है। व्यावसायिक सघनता आज भी मध्य शहर राजबाड़ा, पलासिया, विजय नगर, एलआईजी से भवंरकुंआ, एमजी रोड, नवलखा, छावनी, जवाहर मार्ग, बड़ा गणपति इलाकों में बनी हुई है। सरकार ने भी ट्रांसफर डेवलमेंट राईट्स नीति के तहत इन इलाकों में ही बाजार व कमर्शियल स्पेस विकसित करने के लिए रिसिविंग जोन बनाएं है। जिससे यहां शहर वर्टिकली यानी हाइराइज विकसित हो सकेगा।

वर्टिकल विकसित होने के साथ ही एक बडी समस्या पार्किंग भी साथ रहेगी। इसके लिए स्मार्ट साल्युशन की ओर जाना होगा। जिसे भविष्य के नए टेक्नालॉजी इनोवेश इंटरनेट ऑफ थिंग यानी आईओटी या ब्लू ट्रूथ लो एनर्जी टेक्नालॉजी से लैस स्मार्ट पार्किंग से ही हल किया जा सकता है।
शहर के प्रस्तावित कांप्रेहेसिंव्ह मोबेलिटी प्लान में इस तरह के स्मार्ट पार्किंग का प्लान प्रस्तावित किया है। जिसे पहले फेज ही नगर निगम को लागू करना है।
सर्वे की माने तो वर्तमान में ही सड़कों पर 128 से 165 फीसदी पार्किंग का लोड है। इसका हल सड़कों की लंबाई-चौड़ाई बनाने से नहीं होगा। हाल ही में अफसर व जनप्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में अरबन मास ट्रांजिट की टीम ने स्मार्ट पार्किंग का प्रारूप पेश किया था। विशेषज्ञों ने बताया, शहर के व्यस्ततम इलाकों में ज्यादातर पार्किंग स्पेस का उपयोग औसत 2 से 2.5 घंटे के लिए होता है। यहा सबसे कारगर नीति स्मार्ट पार्किंग साबित होगी। इसके लिए आधुनिक टेक्नॉलाजी और नवाचार के साथ ही सघन और तेज गति वाले इलाकों में आसान पार्किंग व्यवस्था दे सकते हैं।
यह होगी स्मार्ट पार्किंग
टेक्नॉलॉजी से उपलब्ध जगह के अधिकतम उपयोग की सोच के साथ इस तरह की पार्किंग विकसित हो सकेगी। इसे विविध सर्विसेस, स्थान और मांगी जाने वाली सुविधाओं के आधार पर भी उपयुक्त टेक्नॉलाजी के साथ डिजाइन की जा सकती है। इस तरह के पार्किंग में आप पहले से ही पार्किंग स्पेस का पता लगा कर बुक कर सकेंगे।

आईओटी-सेंसर आधारित सिस्टम बेहतर
प्रस्तावित प्लान के अनुसार इंटरनेट ऑफ थिंग जैसी सुविधाएं इसके लिए बेहतर व्यवस्था करेंगी।जिससे सर्विसेस और पार्किंग प्रबंधन आसानी से हो सकेगा। इनमें मोबाइल एप के जरिये पार्किंग में स्थान रिजर्व करना, फास्ट टैग से शुल्क देना, इलेक्ट्रॉनिक बेरिकेट़स लगाना आदि किए जा सकते हैं। इसी तरह सेंसर या इंफ्रारेड सेंसर पर काम करने वाली टेक्निक्स से बहुमंजिला पार्किंग के साथ ही सरफेस पार्किंग में लगाएंगे। इससे पूरी पार्किंग रिमोट कंट्रोल के जरिये व्यवस्थित की जा सकेगी।
इस तरह करें प्रबंधन
- स्मार्ट पार्किंग
- पार्किंग प्राइजेस
- तय स्पेसेस या रणनीति का कियान्वयन जैसे पार्किंग रिर्जवेशन आदि
यह होती है, आईओटी
आईओटी (इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स) का मतलब है “इंटरनेट का प्रयोग करके डिवाइस को एक्सेस करना और कंट्रोल करना” इसका इस्तेमाल सेंसर , सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी की मदद से डाटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रान्सफर करने या शेयर करने के लिए किया जाता है।

बेहतर प्रबंधन व नियंत्रण
स्मार्ट पार्किंग शहर में पार्किंग मेनेजमेंट के लिए कारगर होगी। इसमें टेक्नालॉजी के उपयोग से प्रबंधन व नियंत्रण होगा। सामान्य तौर पर सघन व व्यस्तत इलाकों में अस्त-व्यस्त पार्किंग ट्रैफिक जाम करती है। आइओटी और एप आधारित पार्किंग से नियंत्रण भी बेहतर तरीके से हो सकेगा। इसमें कई तरह की सुविधाएं रहेंगी जो उपयोगकर्ता और नियंत्रणकर्ता को फायदा करेगी। जैसे वेरिएबल प्राइसिंग से पीक अवर में रेंट ज्यादा रख सकते हैं। सामान्य में कम।
अंकित पचोरी, ट्रैफिक विशेषज्ञ