इंदौर

संगठन ने दिखाया सख्त रुख, अध्यक्षों को बैठाकर बनाई सूची

एक-दो दिन में घोषित होंगे भाजपा में मोर्चो के मंडल अध्यक्ष, नगर अध्यक्ष रणदिवे का रुख देख मोर्चा नेता आए सकते में

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Nov 13, 2022
संगठन ने दिखाया सख्त रुख, अध्यक्षों को बैठाकर बनाई सूची

इंदौर। संगठन के लगातार निर्देश के बावजूद भाजपा मोर्चा अध्यक्ष मंडलों का गठन नहीं कर पा रहे थे। इस पर नगर भाजपा अध्यक्ष ने सख्त रुख दिखा ही दिया। कार्यालय पर बुलाकर सभी से सूची बनवाई। उनका रुख देख मोर्चा नेता सकते में थे। अब एक-दो दिन में घोषणा होने की संभावनाएं है।

राज्य निर्वाचन आयोग के मतदाता सूची को लेकर सक्रिय होने से विधानसभा चुनाव की आहट महसूस होने लग गई है। हालांकि भाजपा पहले से इसको लेकर सतर्क है और तैयारियों में जुट गई है। इसके चलते पार्टी सबसे पहले अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में लगी हुई है। मूल संगठन में बूथ इकाई तक का गठन कर दिया गया तो सभी मोर्चा प्रकोष्ठों को भी मंडल अध्यक्ष के साथ उनकी टीम बनाने के निर्देश दिए थे ताकि दिसंबर आते आते उनमें भी बूथ इकाई तक नियुक्तियां हो जाए।

इसके चलते नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कुछ दिनों पहले बैठक लेकर सभी को सूची देने का कहा था। इस मामले में भाजपा अजा मोर्चा नगर अध्यक्ष दिनेश वर्मा सबसे अव्वल रहे। उन्होंने वार्ड तक नियुक्तियां कर टीम बना दी। वहीं महिला मोर्चा ने भी मंडल अध्यक्ष घोषित कर दिए थे। अब कार्यकारिणी भी बन रही है। सबसे फिसड्डी साबित होने वालों की फेहरिस्त में सबसे पहला नाम युवा मोर्चा का है। अध्यक्ष सौगात मिश्रा को एक माह पहले रणदिवे ने बुलाया था और तीन दिन में सूची देने के निर्देश दिए थे।

उसके बावजूद वे सूची तैयार नहीं कर पाए। हालांकि उनकी कार्य शैली से प्रदेश मोर्चा के नेता भी नाराज हैं। युवा मोर्चा के अलावा पिछड़ा, अल्पसंख्यक, अजजा और किसान मोर्चा में भी मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियां नहीं हो पाईं। इसके चलते शनिवार को रणदिवे ने सभी मोर्चा अध्यक्षों को दीनदयाल भवन में बुलाया। सभी को स्पष्ट कर दिया कि सूची देकर ही जाना है। आखिर में सभी ने इधर-उधर फोन लगाए और नाम लेकर सूची तैयार की और सौंप दी है। संभावना है कि एक-दो दिन में घोषणा कर दी जाएगी।

काम पर नहीं है ध्यान
सत्ताधारी पार्टी होने की वजह से नेताओं में मोर्चा प्रकोष्ठ के मुखिया बनने की होड़ मची हुई थी। एक-एक पद के लिए दर्जनों दावेदार थे। संगठन में संतुलन बनाने को देखते हुए नियुक्तियां की गई, लेकिन घोषणा के बाद से अध्यक्ष व संयोजक आराम की मुद्रा में आ गए। कई मोर्चा तो ऐसे हैं जो प्रदेश से आने वाले कार्यक्रमों को भी हलके में लेते हैं। कई बार उन्हें बैठकों में जवाबदारों ने फटकार भी लगाई, लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे अध्यक्ष व संयोजकों पर संगठन की निगाह है।

Published on:
13 Nov 2022 10:46 am
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