पीएम मोदी के आने में महज 2 मिनट थे लेकिन जीवन संकट में देख सूबेदार लक्ष्मी धारवे ने निभाई ड्यूटी
इंदौर. कर्तव्य पालन के लिए मानवीयता निभाने की यह मिसाल हमेशा याद रखी जाएगी. एक ओर देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी तो दूसरी ओर एक व्यक्ति की जान दांव पर लगी हुई थी. कोई और होता तो शायद पीएम का काफिला निकाल देने का ही निर्णय लेता लेकिन सूबेदार लक्ष्मी धारवे ने गजब का फैसला लिया. उन्होंने न केवल देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाया बल्कि मानवता भी दिखाई.
घटना इंदौर की है जब प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने पीएम मोदी इंदौर आए थे. एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला आनेवाला था. पीएम की सुरक्षा को देखते हुए इंदौर एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक जबर्दस्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. पीएम के एयरपोर्ट से रवाना होने के पहले में यहां तैनात पुलिसकर्मियों ने रास्ते बंद कर दिए। इसी बीच एक एंबुलेेंस आई जिसमें मरीज की हालत बहुत गंभीर थी. ऐसे में वहां तैनात सूबेदार लक्ष्मी धारवे ने बैरिकेड्स हटाकर उन्हें जाने दिया जिससे मरीज की जान बच सके. उनकी इस संवेदनशीलता की हर कोई प्रशंसा कर रहा है.
जानकारी के अनुसार उस समय पीएम का काफिला निकलने में महज दो मिनट शेष थे। इसी दौरान एंबुलेंस आ गई लेकिन सूबेदार लक्ष्मी धारवे ने मरीज की जान संकट में देख बैरिकेड्स खोल दिए। सूबेदार लक्ष्मी ने बताया कि पीएम मोदी का कारकेड 2— 3 मिनट में ही पहुंचने वाला था। हमने वीवीआइपी रूट के अलावा सुपर कॉरिडोर की दूसरी लेन भी खाली रखी थी। एंबुलेंस में मरीज की हालत गंभीर होने से उसे तत्काल रवाना किया गया। इससे पहले सूबेदार लक्ष्मी धारवे ने एंबुलेंस चालक से कुछ सेकंड बातचीत कर मरीज की जानकारी ली फिर उसके लिए बैरिकेड्स खोले।