
गुप्त नवरात्रि : इन चार श्मशान में सबसे जल्दी मिलता है तंत्र साधना का फल
इंदौर. आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 13 जुलाई से शुरू होने वाली है। वैसे तो सालभर में चार नवरात्रि आती है, लेकिन तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत ही खास मानी जाती है। इस समय साधक तंत्र साधना से देवी को प्रसन्न कर जीवन में खुशहाली पा सकता है। देवी का आशीर्वाद पाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान भी रखना चाहिए।
खास बात ये है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान जो पूजा की जाती है वो किसी गुप्त स्थान में या किसी सिद्घस्त श्मशान में ही की जाती है। इसकी वजह यह है कि इस तरह की साधना के दौरान जिस तरह की शांति की जरूरत होती है वो सिर्फ श्मशान में ही मिल सकती है। यहां साधक पूरी एकाग्रता के साथ अपनी साधनाएं संपन्न कर पाता है। वैसे कहा जाता है कि भारत में चार ऐसे श्मशान घाट है जहां तंत्र क्रियाओं का परिणाम बहुत ही जल्दी मिलता है। इसमें असम के कामाख्या पीठ का श्मशान, पश्चिम बंगाल स्थित तारापीठ का श्मशान, नासिक और उज्जैन स्थित चक्रतीर्थ श्मशान शामिल है। नवरात्रि के दौरान इंदौर के शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर, बिजासन माता मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।
नवरात्रि में इन बातों का रखें ध्यान
- नवरात्रि में मिटटी, पीतल, तांबा, चांदी या सोने का ही कलश स्थापित करें, लोहे या स्टील के कलश का प्रयोग बिल्कुल न करें।
- व्रत करने वाले साधक को जमीन पर सोना चाहिए और केवल फलाहार करना चाहिए।
- नवरात्रि के दौरान क्रोध, मोह, लोभ का त्याग करें।
- नवरात्र के दौरान साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- अगर सूतक हो तो घटस्थापना न करें और यदि नवरात्र के बीच में सूतक हो जाए तो कोई दोष नहीं होता।
- नवरात्रि का व्रत करने वाले भक्तों को कन्या पूजन अवश्य करना चाहिए।
- चौराहों पर रात में ध्यान से चलें। आमतौर पर तंत्र-मंत्र कर वस्तुओं को चौराहों पर ही रखा जाता है।
Published on:
11 Jul 2018 02:22 pm
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