इंदौर

साइबर अपराध के हाल बेहाल: 25 करोड़ की धोखाधड़ी: न केस दर्ज, न ही आरोपी गिरफ्त में

ऑनलाइन धोखेबाजों की पहचान के बाद भी बख्श रही पुलिस

2 min read
Oct 13, 2022
साइबर अपराध के हाल बेहाल: 25 करोड़ की धोखाधड़ी: न केस दर्ज, न ही आरोपी गिरफ्त में

इंदौर. साइबर अपराध के मामलों में नोडल एजेंसी क्राइम ब्रांच ऑनलाइन धोखेबाजों को पकडऩे में सक्षम साबित नहीं हो रही है। कई मामलों में ऑनलाइन धोखेबाजों की पहचान तो कर ली जाती है लेकिन उसके खिलाफ न गिरफ्तारी होती है और न ही केस दर्ज। 25 करोड की धोखाधड़ी हो चुकी है लेकिन अधिकांश मामलों में न केस दर्ज हुए और न ही आरोपी गिरफ्त में आए।
क्राइम ब्रांच की टीम को रवि व आकाश ने ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत की थी। खिलौने का कारोबार करने वाले दोनों फरियादी से सोशल मीडिया पर ऑनलाइन सस्ते खिलौने दिलाने का झांसा देकर & लाख से Óयादा ठगे गए थे। संबंधित फर्म का पता ग्वालियर का बताया गया लेकिन जब जांच हुई तो पता चा कि विशाल किंगरानी निवासी जूनी इंदौर ने फर्जी तरीके से आलोक महाजन बनकर ठगी की थी। पुलिस विशाल तक पहुंची लेकिन केस दर्ज कर गिरफ्तार करने के बजाए फरियादी को 2 लाख &2 हजार रुपए दिलाने का दावा कर फाइल बंद कर दी। आरोपी ने अपने फर्जी पेज के जरिए कई लोगों को ठगा होगा लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल से जब कार्रवाई के बारे में पूछा तो उनका तर्क था, वीआइपी ड्यूटी में व्यस्त होने से अभी कुछ देख नहीं पाया इसलिए कुछ बता नहीं पाउंगा।

चक्कर लगाते है लोग, पांच प्रतिशत को भी नहीं मिलती राहत
वर्ष 2022 मेें अब तक साइबर फ्राड से संबंधित 6450 शिकायतें क्राइम ब्रांच व साइबर हेल्प लाइन पर आ चुकी है। सभी शिकायतों में करीब 25 करोड़ की धोखाधड़ी होने क आशंका है जिसमें से करीब & करोड़ रुपए लोगों को तुरंत शिकायत करने पर वापस लौटवा दिए गए लेकिन शेष में न कोई केस दर्ज हुआ और न ही आरोपी गिरफ्त में आए। जिन मामलो ंमें राशि वापस कराई जाती है उसमें भी आरोपी गिरफ्त से दूर बने हुए है। अफसरों को शिकायत पहुंची है कि पीडि़त कमिशन अदा करने के लिए तैयार हो जाता है तो उसकी राशि लौटाने में प्राथमिकता दी जाती है, जो कमिशन का बात नहीं करता वह चक्कर लगाता रहता है। वरिष्ठ अफसरों तक इसकी शिकायत भी पहुंची है।

लोन ऐप के कारण गई चार लोगों की जान, जांच अब भी अधूरी
ऑनलाइन लोन ऐप के नाम पर धोखाधड़ी व ब्लैकमेल करने की कई शिकायतें पुलिस के पास आई है। दो महीने पहले भागीरथपुरा में इंजीनियर, उसकी पत्नी व दो ब"ाों की मौत के मामले में भी लोन ऐप ही कारण बना था। हंगामा हुआ तो डीसीपी क्राइम ब्रांच को जांच दी गई। ऐप्लीकेशन की जानकारी निकालने के दावे किए गए ेकिन दो महीने बाद भी जांच अधूरी है, जिम्मेदार अफसर किसी पर कार्रवाई नहीं कर पाए।

इन मामलों में Óयादा शिकायतें
- बिजली बिल नहीं भरने पर कनेक्शन काटने का मैसेज कर ठगी के मामले हाल के समय में Óयाददा आए है।
- लोन व नौकरी का झांसा देकर ठगी के मामले भी लगातार आ रहे।
- सैक्सटॉर्शन के जरिए अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने की भी शिकायतें आ रही है।

Published on:
13 Oct 2022 03:35 pm
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