इंदौर

कॉलेज की परीक्षा में पास होने के लिए यह नियम है कारगर

हजारों फेल विद्यार्थी हो गए पास

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Oct 16, 2022
कॉलेज की परीक्षा में पास होने के लिए यह नियम है कारगर

इंदौर. नई शिक्षा नीति के तहत जारी नतीजों में एक महीने बाद हुए बदलाव से फेल हो चुके हजारों विद्यार्थी पास हो गए। कुछ परीक्षा के नतीजे में 50 फीसदी से ज्यादा का अंतर आया है। पास होने वालों के साथ फेल हुए विद्यार्थियों में से पूरक पाने वालों की संख्या भी बढ़ी है। इससे इन्हें इसी साल पास होने का एक और मौका मिला है।
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी ने 15 सितंबर को फर्स्ट ईयर की सात परीक्षाओं के नतीजे घोषित किए थे। इसके बाद बीए, बीकॉम और बीएससी के नतीजे तैयार किए जा रहे थे। इस बीच उच्च शिक्षा विभाग ने मार्किंग स्कीम में बदलाव करते हुए थ्योरी व लिखित परीक्षा में अलग-अलग न्यूनतम अंकों की बाध्यता खत्म कर दी। ज्यादातर विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल में काफी अच्छे अंक मिले हैं, जबकि वे थ्योरी में फेल हुए थे। नए नियमों के तहत यूनिवर्सिटी ने पूर्व में जारी रिजल्ट निरस्त करते हुए सभी रिजल्ट नए सिरे से तैयार कराए। संशोधित नतीजों में बड़ी संख्या ऐसे विद्यार्थी पास हुए, जो पहले फेल हो गए थे। पुराने और नए नतीजों में 25 से 50 फीसदी तक का अंतर है। शनिवार को नई स्कीम से ही बीएससी और बीकॉम के भी रिजल्ट जारी हुए। इनमें क्रमश: 43 और 64 फीसदी परीक्षार्थी पास हुए हैं।
ये है नई मार्किंग स्कीम
फर्स्ट ईयर में 30 अंक की प्रैक्टिकल और 70 अंक की थ्योरी रहती है। पुराने नियम में प्रैक्टिकल में न्यूनतम 10 और थ्योरी में 28 अंक अनिवार्य थे। 30 सितंबर को मार्किंग स्कीम बदली गई और अलग-अलग न्यूनतम अंकों की बाध्यता खत्म कर दी गई। यानी अब कुल मिलाकर 35 अंक लाने वालों को पास माना जाएगा। प्रैक्टिकल के अंक कॉलेज स्तर पर मिलने के कारण ज्यादातर विद्यार्थियों को 20 या इससे अधिक अंक मिले हैं। इसके बाद थ्योरी में महज 15 अंक लाने वाले भी पास हो गए।
इन नतीजों में इतना बदलाव
कोर्स : पहले : संशोधित
बीबीए : 47 : 75.6
बीजेएमसी : 40 : 80
बीएचएससी : 16 : 28.5
बीसीए : 50 : 74
बीएससी : 21 : 43
बीकॉम : 52 : 64
बीबीए फॉरेन ट्रेड : 50 : 87
बीबीए एचए : 47 : 65
बीबीए होटल मैनेजमेंट : 42 : 68

Published on:
16 Oct 2022 01:47 am
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