
फर्जी आय प्रमाण-पत्र जारी करने वाले दो बाबू बर्खास्त
इंदौर। आइपीसी बैंक में फर्जी आय प्रमाण-पत्र के आधार पर लोन दिए जाने के मामले में सजा होने के बाद कलेक्टर ने दो बाबुओं को बर्खास्त कर दिया। 1998 में हुए घोटाले पर लोकायुक्त पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था, जिसका फैसला दिसंबर में विशेष कोर्ट ने सुनाते हुए तीन साल की सजा दी थी। आदेश की कॉपी पहुंचने के तुरंत बाद कार्रवाई की गई।
25 साल पहले इंदौर प्रीमियम कोऑपरेटिव बैंक में एक घोटाला हुआ था, जिसमें कुछ लोगों को गरीब बताकर लाभ दिया गया। एक शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस में मुकदमा दर्ज किया। इसमें पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार, भाजपा नेता देवराजसिंह परिहार, पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल, तहसीलदार मनोरमा कोष्ठी, बापूसिंह मंडलोई, भगवती प्रसाद मिश्रा, बाबू मुर्तजा खान और देवीलाल सूर्यवंशी सहित 24 आरोपी थे, जिसमें से 14 की मौत हो चुकी है। 23 दिसंबर को कोर्ट ने सभी को तीन साल की सजा सुना दी। उसके आधार पर कलेक्टर आशीष सिंह ने बाबू खान और सूर्यवंशी को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया।
प्रकरण अनुसार जिन फर्जी आय प्रमाण-पत्र के आधार पर घोटाला हुआ था, उसे जारी कोष्ठी ने किया था। इसमें खान और सूर्यवंशी ने पिछली तारीख में जावक कर उसे जारी किया था। इसके चलते कोर्ट ने उन्हें भी दोषी माना। कइयों पर चल रहे मुकदमे लोकायुक्त व इओडब्ल्यू पुलिस ने जिला प्रशासन के कई अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रखे हैं। कुछ मुकदमों की जांच होकर कोर्ट में भी पेश कर दिए गए हैं, जिनकी तारीख चल रही है। कई पटवारियों को तो रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़ा गया है। उनके केस की भी तारीख चल रही है।
Published on:
10 Feb 2024 08:34 am
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