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Indore News : सरवटे बस स्टैंड की बिल्डिंग ठेके पर देंगे

नगर निगम नहीं कर पा रहा रखरखाव, ठेकेदार की तलाश शुरू, कैफेटेरिया खोलने की फाइल मार्केट विभाग में खा रही धूल

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Indore News : सरवटे बस स्टैंड की बिल्डिंग ठेके पर देंगे

Indore News : सरवटे बस स्टैंड की बिल्डिंग ठेके पर देंगे

इंदौर. नगर निगम सरवटे बस स्टैंड की बिल्डिंग का रखरखाव नहीं कर पा रहा है। इसके चलते अब इसे ठेके पर दिया जाएगा। इसके लिए ठेकेदार की तलाश शुरू हो गई है। बिल्डिंग के मेंटेनेंस को लेकर यह ठेका दिया जाएगा। इधर, बस स्टैंड के अंदर यात्रियों के लिए खुलने वाले कैफेटेरिया (रेस्तरां) की फाइल मार्केट विभाग में धूल खा रही है। इस पर जिम्मेदार अफसरों का ध्यान नहीं है।

सरवटे बस स्टैंड नया बनाया गया है। बिल्डिंग का रखरखाव निगम यातायात एवं परिवहन विभाग नहीं कर पा रहा, इसलिए बिल्डिंग को ठेके पर दिया जा रहा है। इससे बस स्टैंड बिल्डिंग में टूट-फूट होने पर मरम्मत व संधारण हो सकेगा। निगम दो वर्ष के लिए बिल्डिंग ठेके पर देगा। इसके लिए ठेकेदार की तलाश करने को लेकर टेंडर जारी कर दिए गए हैं। मरम्मत और संधारण कार्य पर निगम 33 लाख रुपए से ज्यादा खर्च करेगा। टेंडर बुलाने के साथ खोलने की प्रक्रिया 22 फरवरी तक पूरी की जाएगी। गौरतलब है कि बस स्टैंड की बिल्डिंग शुरू हुए सालभर हो गया, लेकिन ठीक से रखरखाव नहीं हो रहा।

एक वर्ष से मामला पड़ा ठंडा

नए सरवटे बस स्टैंड के अंदर यात्रियों के लिए कैफेटेरिया खोलने को लेकर मार्केट विभाग ने दिसंबर 2021 में टेंडर जारी किए थे। आठ फर्म ने टेंडर डाले थे, जो जनवरी 2022 में खोले गए थे। एक फर्म ने हाईएस्ट ऑफर 27 लाख रुपए का दिया था। यह ऑफर मार्केट विभाग के अफसरों को कम लगा और कैफेटेरिया का ठेका देने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया। अफसर चाहते थे कि एक बार फिर से टेंडर बुलाए जाएं, ताकि 27 लाख रुपए से ज्यादा का ऑफर मिल सके। एक वर्ष से मामला ठंडे बस्ते में है, क्योंकि न तो टेंडर जारी हुए और न ही कैफेटेरिया खुल पाया। ऐसे में यात्रियों को बस स्टैंड पर खाने-पीने के लिए बाहर की दुकानों पर जाना पड़ता है।

यह की गई प्लानिंग

बस स्टैंड की नई बिल्डिंग के मेजेनाइन फ्लोर पर 393. 42 वर्गफीट क्षेत्रफल में कैफेटेरिया बनाने की प्लानिंग की गई। इसमें रेस्टोरेंट, किचन, शॉप काउंटर और लॉक रूम बनाने का एरिया फिक्स रखा गया है। हालांकि निगम ने तय किया था कि कैफेटेरिया खोलने के लिए जो ज्यादा पैसा देगा और टेंडर शर्तों के हिसाब से काम करेगा, उसे ठेका दिया जाएगा। इसके अलावा कैफेटेरिया पर नियम विरुद्ध काम होने पर टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा, लेकिन टेंडर आने पर निगम ने ठेका नहीं दिया और मामला अधर में है।

निगम का दावा फेल, सडक़ बन गई पार्किंग

बस स्टैंड फिर से पुराने ढर्रे पर आ गया है। जितनी बसें स्टैंड के अंदर खड़ी रहती हैं, उतनी ही स्टैंड के बाहर सडक़ पर नजर आती है। इससे निगम का वह दावा फेल हो गया, जो सडक़ पर बसें पार्क नहीं होने देने को लेकर किया गया था। बस संचालन के लिए बनाए नियम-कायदे ताक पर अलग रख दिए गए हैं। बस स्टैंड से चलने वाली निजी बसों के साथ सरकारी यानी एआइसीटीएसएल की लोकल बसों के बीच रोड पर खड़े होने और सवारी बैठाने से यातायात बाधित होता रहता है, वाहन चालक सहित अन्य लोग परेशान होते रहते हैं।