यह है देश के अग्रणी शिक्षा संस्थान आईआईएम का सच, नशे और रैगिंग का दर्द झेलने को मजबूर हैं यहां के स्टूडेंट्स

शराब, सिगरेट और हुक्के के नशे में आएदिन कर रहे सीनियर्स परेशान, मदद के लिए जूनियर्स ने गुहार लगाई यूजीसी की एंटी रैगिंग हैल्पलाइन पर 

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Jul 04, 2017
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अभिषेक वर्मा @ इंदौर . भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) इंदौर में रैगिंग का मामला सामने आया है। जूनियर छात्रों ने सोमवार को एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत भेजी। पीडि़तों ने कहा कि सीनियर होस्टल में हुक्का, शराब और सिगरेट का नशा करते हैं। आईआईएम प्रबंधन ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एंटी रैगिंग कमेटी को जांच सौंपी है।

आईआईएम इंदौर में हाल में 2017 बैच के एडमिशन की प्रक्रिया निपटी है। यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर भेजे गए एक ई-मेल में छात्र ने मदद मांगते हुए जानकारी दी कि कुछ सीनियरों ने शुक्रवार और शनिवार को पूरी रात उन्हें परेशान किया। पीडि़तों ने इस पर भी हैरानी जताई कि देश के प्रमुख संस्थानों में शामिल आईआईएम इंदौर में इस तरह का माहौल है।

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यूजीसी ने शिकायत मिलते ही आईआईएम डायरेक्टर से संपर्क की कोशिश की, मगर वे उपलब्ध नहीं हो पाए। इसके बाद पुलिस से भी संपर्क कर पीडि़तों को मदद पहुंचाने के लिए कहा गया। दोपहर बाद प्रबंधन को शिकायत की जानकारी मिली और संस्थान की एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू की। यूजीसी की हेल्पलाइन ने निर्देश दिए हैं कि कमेटी दोषी छात्रों की पहचान कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए।

पहले भी आए मामले
आईआईएम में नशाखोरी के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। 2012 में ड्रग्स लेते पकड़ाए तीन छात्रों पर प्रबंधन ने कार्रवाई की थी। 2015 में भी होस्टल से अनुशासन समिति ने बड़ी संख्या में ड्रग्स पकड़े थे। इस पर 10 छात्रों को 6 माह के लिए निष्कासित किया जा चुका है।

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कड़ी कार्रवाई होगी
एंटी रैगिंग हॉटलाइन से हमें रैगिंग की शिकायत की जानकारी मिली। रैगिंग किसी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एंटी रैगिंग कमेटी ने शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। ठोस कार्रवाई की जाएगी।
- प्रो. ऋषिकेश टी. कृष्णन, डायरेक्टर, आईआईएम-आई


Published on:
04 Jul 2017 11:02 am
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