27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रूसी तेल से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में होंगे स्थिर, 20 लाख टन होगा आयात

कच्चा तेल आयात के लिए आईओसीएल का रोजनेफ्त से हुआ करार भारत में देखी जा रही है पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में काफी वृद्धि

2 min read
Google source verification
Dharmendra Pradhan

2 million ton Russian oil will be stable Petrol diesel price in India

नई दिल्ली। रूस से कच्चा तेल आयात करने के लिए आईओसीएल ने बुधवार को रूसी कंपनी रोजनेफ्त के साथ एक करार किया जिसके तहत इस साल भारत 20 लाख टन यूराल ग्रेड कच्चे तेल का आयात करेगा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान और रोजनेफ्त के सीईओ एवं चेयरमैन आईगोर सेचिन के बीच यहां एक बैठक के दौरान दोनों कंपनियों ने प्रथम सावधि अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

यह भी पढ़ेंः-सुखद बढ़ापे को लेकर ज्यादा जागरूक हैं हरियाणा के किसान

पंचवर्षीय रोडमैप का भी एक हिस्सा
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दीर्घावधि अनुबंधों के जरिए रूस से कच्चे तेल की प्राप्ति, गैर-ओपेक देशों से देश में कच्चे तेल की आपूर्ति में विविधिता से जुड़ी भारतीय रणनीति का एक हिस्सा है। इसके साथ ही यह हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के लिए पंचवर्षीय रोडमैप का भी एक हिस्सा है, जिस पर पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्लादिवोस्तोक यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।

यह भी पढ़ेंः-Petrol Diesel Price Today : पेट्रोल और डीजल के दाम में फिर गिरावट, 2 फीसदी उछला क्रूड ऑयल

मिलेगी काफी मदद
मंत्रालय ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी द्वारा कच्चे तेल के आयात के लिए एक नए स्रोत के रूप में रूस को शामिल करने से भू-राजनीतिक व्यवधान के कारण उत्पन्न होने वाले जोखिमों में कमी लाने में काफी मदद मिलेगी और नई व्यवस्था से भारत में मूल्य संबंधी स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

यह भी पढ़ेंः-मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, सहकारी बैंक भी आरबीआई की जद में आए

मांग में काफी वृद्धि
मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में काफी वृद्धि देखी जा रही है। लिहाजा, इस नए कदम से अन्य पीएसयू तेल परिशोधन कंपनियों को भी रूस से कच्चे तेल के आयात के लिए इसी तरह के सावधि अनुबंध करने के अवसर मिलेंगे। दोनों पक्षों ने आपस में संयोजित प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई, जिसमें रूस की पूर्वी क्लस्टर परियोजनाओं में भारतीय निवेश के लिए रोडमैप तैयार करना भी शामिल है।