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इस मामले में 63 फीसदी भारतीय पुरुष नहीं करते अपनी पत्नी पर विश्वास

पति-पत्नी का रिश्ता दुनिया का सबसे अनूठा रिश्ता है। भारत में इस रिश्ते की बहुत ही खास अहमियत है।

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नई दिल्ली। पति-पत्नी का रिश्ता दुनिया का सबसे अनूठा रिश्ता है। भारत में इस रिश्ते की बहुत ही खास अहमियत है। यहां पति-पत्नी के बीच प्रगाढ़ प्रेम और विश्वास होता है। पति-पत्नी को जीवनरुपी गाड़ी के दो पहिये बताया जाता है। कहा जाता है कि जिस प्रकार एक पहिये के बिना गाड़ी नहीं चल पाती है ठीक उसी प्रकार विश्वास के बिना पति-पत्नी का रिश्ता नहीं चल पाता है। इस रिश्ते को कामयाब बनाने के लिए दोनों का एक दूसरे पर विश्वास करना बहुत जरूरी है। यदि दोनों में से कोई भी एक विश्वास खो देता है तो जीवनयापन कठिन हो जाता है। हाल ही में एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि भारतीय पत्नियां तो अपने पतियों पर ज्यादा भरोसा करती हैं लेकिन भारतीय पुरुष इस मामले में खरे नहीं उतरते हैं। सर्वे के अनुसार एक खास मामले में केवल 37 फीसदी पुरुष ही अपनी पत्नियों पर भरोसा करते हैं। आगे जानिए क्या है सर्वे

ये है सर्वे

दरअसल निसान इंडिया और कनटार आइएमआरबी ने बीते दिनों देशभर में वाहन चालकों पर एक सर्वे किया है। 20 राज्यों में किए गए इस सर्वे के आंकड़ों को निसान इंडिया ने बीते सप्ताह जारी किया। इस सर्वे में खुलासा हुआ है कि करीब 64 फीसदी महिलाएं अपने पति की ड्राइविंग पर भरोसा करती हैं लेकिन ऐसे मात्र 37 फीसदी पुरुष ऐसे हैं, जो अपनी पत्नी की ड्राइविंग पर भरोसा करते हैं। सर्वे में कहा गया है कि देश में ऐसे मात्र 30 फीसदी माता-पिता हैं, जो अपने अपने बच्चों की ड्राइविग पर भरोसा करते हैं।

इसलिए किया सर्वे

देश में सड़क हादसे एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के अलावा ट्रैफिक पुलिस समेत कई सरकारी-गैरसरकारी संगठन समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाते हैं। सड़क हादसों के कारण जानने के लिए ही निसान इंडिया और कंटार आईएमआरबी ने देश के 20 राज्यों में वाहन चालकों पर यह सर्वे किया है। सर्वे में खुलासा हुआ है कि 60 फीसदी भारतीय ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं।सर्वे में शामिल हर पांच में से तीन लोगों ने यह स्वीकार किया है कि वे ड्राइविंग के समय फोन का इस्तेमाल करते हैं। इस मामले में उत्तर भारत के लोग सबसे आगे हैं। उत्तर भारत के 62 फीसदी लोग एेसा करते हैं। भारतीय वाहन चालकों की लापरवाही और बढ़ जाती है जब वे ओवर स्पीडिंग करते हैं। केरल में 60 फीसदी, दिल्ली में 51 फीसदी और पंजाब में 28 फीसदी वाहन चालकों ने ओवर स्पीडिंग की बात स्वीकार की है।