25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पत्रिका सर्वे टॉक शो : जुबां पर आया लोगों का दर्द, दी खुली चेतावनी, देखें लाइव वीडियो

पत्रिका विधानसभा सर्वे के टॉक शो में लोगों ने मुखर होकर रखी बात, कहा - उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे जनप्रतिनिधि

3 min read
Google source verification
patrika talk show in katni

patrika election talk show in katni

कटनी/जबलपुर। तीन प्रदेशों में पत्रिका ने 45 हजार मतदाताओं पर किए गए सर्वे से आमजन की नब्ज टटोली है। सर्वे के आधार पर शहर की राजनीतिक पार्टियों के सदस्यों, समाजसेवियों व आमजनों के बीच कटनी पत्रिका कार्यालय में टॉक शो का आयोजन किया गया। जिसमें समाजसेवियों व आम लोगों के साथ सत्ता पक्ष, विपक्ष के लोगों भी ने पूरी बेबाकी से अपनी बात रखी। भाजपा से जुड़े पदाधिकारियों ने जहां अपनी उपलब्धियां गिनायीं, तो वहीं कांग्रेस व अन्य दलों के लोगों ने जिले में अवैध खनन, विकास की धीमी गति के साथ प्रदेश स्तर पर भी चलाई जा रही योजनाओं को महज घोषणा करार दिया। वहीं आम लोगों ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक हों या फिर सरकार? दोनों ही लोगों की उम्मीद पर उतने खरे नहीं उतरे जितना भरोसा जनता के द्वारा किया गया था। उन्होंने पत्रिका के सर्वे को वर्तमान की सच्चाई बताया और कहा कि खुली चेतावनी भी दी कि पांच साल तक दी गई परीक्षा का परिणाम जनप्रतिनिधियों को खुद ही भोगना पड़ेगा।


सभी पर साधा निशाना
पत्रिका द्वारा आयोजित टॉक शो में लोगों ने शहर के अनियोजित विकास पर दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि कटनी शहर की अधोसंरचना और औद्योगिक विकास के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसके लिए सरकार और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ और विपक्ष भी बराबर का जिम्मेदार है। कांग्रेस को विपक्ष में रहते हुए सजग प्रहरी की तरह सक्रियता दिखानी चाहिए थी, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। लोगों ने स्पष्ट कहा कि वर्तमान में शहर में अराजकता, अव्यवस्था बढ़ी है। सरकारी दफ्तरों में कोई काम नहीं हो रहे हैं। किसानों और जरूरतमंदों को भटकाया जा रहा है। सरकार और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को इस पर ध्यान देना चाहिए। लोगों ने स्पष्ट कहा कि जो जनता का वफादार साबित होगा, जनता भी उसी से वफा निभाएगी। आने वाले चुनाव में इसके परिणाम भी साफ नजर आएंगे। लोगों ने मतदाताओं के मन की बात जानने के लिए पत्रिका को पहल को भी सराहनीय निरूपित किया।


इनका कहना था


सर्वे जनता की मन की बात है। आमजन जो पांच साल में देखते हैं, सोचते हैं वहीं सामने रखते हैं। पत्रिका का सर्वे कहीं न कहीं लोगों का मत है, जिसका फर्क आने वाले दिनों में देखने में मिलेगा।
डॉ. पारस जैन, शिक्षाविद


आमजन, किसानों व गरीबों के हित में सरकार काम कर रही है। सर्वे कुछ लोगों का मत है और आम जनता सरकार के काम से खुश है।
अंजनेय तिवारी, समाजसेवी

पत्रिका का सर्वे जनता का मत है। जनता ने अपनी बात रखी है और कहीं ने कहीं सरकार को लेकर उसकी नाराजगी है। जनता कुछ मुद्दों पर परेशान हैं और लोगों की राय ही सर्वोपरि है।
रेखा अंजू तिवारी, समाजसेवी

प्रदेश के साथ जिले के भी कई मुद्दों पर जनता का रूख सरकार को लेकर ठीक नहीं है। किसी भी बात पर अपना पक्ष रखना सभी का हक है और जनता ने अपनी बात पत्रिका के सामने रखी है।
प्रीति सेन, समाजसेवी

सरकार से जनता यदि नाखुश है तो विपक्ष की भूमिका से भी खुश नहीं है। ऐसे में उसके पास आने वाले दिनों में विकल्प चुनने की भी समस्या होगी। विपक्ष ने अपनी सशक्त भूमिका का निर्वहन नहीं किया है।
नीलम जगवानी, समाजसेवी


छात्रों के लिए बनाई गई योजनाएं धरातल पर ही हैं। हम शिक्षा के लिए महानगरों पर आश्रित हैं और शहर में कोई भी अच्छी शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर युवा भी चिंतित हैं।
अतीत तिवारी, छात्र


शहर में भी विकास के कई काम अधूरे पड़े हैं। चाहे वह पुल का मामला हो या अन्य बड़े काम। आमजनता को सुविधाएं चाहिए और उस अनुरूप उन्हें सुविधाएं मिल नहीं पा रही हैं।
आदेश सोनी, स्थानीय नागरिक


जनता का मत अभी जान पाना कठिन होता है। विकास हुआ है या वह किस पार्टी से खुश या नाखुश है, यह कहना उचित नहीं होगा। आने वाले समय में ही इसका खुलासा हो सकेगा।
आराधना तिवारी, समाजसेवी


शहर में ही विकास के कार्य धीमे हैं। जिन काम को पहले पूरा होना था, उनको प्राथमिकता में कराना था लेकिन उनपर ध्यान कम दिया जा रहा है। जिससे आम जन परेशान हैं।
प्रकाश कैथवास, स्थानीय निवासी


प्रदेश में विकास के काम हो रहे हैंं। विपक्ष की भूमिका पर भी सर्वे में जनता ने सवाल उठाए हैं तो कहीं न कहीं उसका फर्क पड़ेगा। दोनों ही ओर से जनता का मत अभी पूरी तरह से समझ नहीं आएगा।
पं. अरविंद तिवारी, समाजसेवी