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बाबा रामदेव नहीं बल्कि अडानी का होगा रुचि सोया, पतंजलि ने बड़ी बोली लगाने से किया इन्कार

रुचि सोया के अधिग्रहण को लेकर चल रही प्रक्रिया में बाबा रामदेव की पतंजलि ने आैर बड़ी बोली लगाने से इंकार कर दिया है।

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Ramdev- Adani

बाबा रामदेव नहीं बल्कि अडानी का होगा रुचि सोया, पतंजलि ने बड़ी बोली लगाने से किया इन्कार

नर्इ दिल्ली। रुचि सोया के अधिग्रहण को लेकर चल रही नीलामी प्रक्रिया में आज अडानी विल्मर बाजी मार सकती है। क्योंकि बाबा रामदेव की पतंजलि ने फैसला किया है कि अब वो पहले से ही इस कंगाल कंपनी के लिए आैर अधिक रकम की बोली नहीं लगाएगी। सूत्रों का कहना है कि पतंजलि ने अपने बिड नहीं बढ़ाने के लिए लेंडर्स को कोर्इ कारण नहीं बताया है। अगले हफ्ते उन संस्थानों की बैठक होने वाली है जिसने रुचि सोया को कर्ज दी है। हालांकि पतंजलि के बयान के बाद अब ये साफ होता दिखार्इ दे रहा है कि अडानी विल्मर द्वारा लगार्इ बोली को सबसे ज्यादा घोषित किया जाएगा। इस घोषणा के बाद ही डील के अन्य पहलुअों पर बात हो पाएगी।

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अडानी विल्मर की अंतिम बोली पर ही हो सकता है फैसला

आपको बता दें कि, अडानी-विल्मर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के अडानी ग्रुप आैर सिंगापुर की कंपनी विल्मर की ज्वाइंट वेंचर है। रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए अडानी-विल्मर ने 5474 करोड़ रुपए की बोली लगार्इ थी, जो कि अब तक की सबसे बड़ी बाेली है। इसमें बोली से मिलने वाले रकम से लेंडर्स को 4300 करोड़ रुपए का दिया जाने वाला रकम भी शामिल है। अडानी विल्मर द्वारा लगार्इ गर्इ इस बोली को इसलिए भी उंचा माना जा रहा है क्योंकि इवैल्यूएशन के पैमाने के मुताबिक लोन सेटलमेंट का वेटेज किसी कपंनी को चलाए जाने वाले फंड से ज्यादा होता है।

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पतंजलि आैर बड़ी बोली लगाने के लिए नहीं है तैयार

इसके पहले लेंडर्स ने दोनों बिडर्स को अपने तरफ से लगार्इ गर्इ बोली को आैर अागे बढ़ाने का मौका दिया था। पतंजलि के पास अडानी विल्मर की बोली से ज्यादा आॅफर देने के लिए शनिवार सुबह तक का समय था। लेकिन पतंजलि ने अौर अधिक बोली लगाने से इन्कार कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि पतंजलि पहले से एक कंगाल कंपनी के लिए इससे ज्यादा पैसे नहीं खर्च करना चाहती है। गौरतलब है कि रुचि सोय उन 40 कंपनियों में से एक है, जिन्हें भाारतीय रिजर्व बैंक ने डेब्ट रिजाॅल्यूशन के लिए बैंकरप्ट्सी कोड में भेजने की तैयारी में था।