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नई दिल्ली: एयरलाइंस कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर है ये तो सभी समझ रहे हैं लेकिन अब रेटिंग एजेंसी CARE का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष में एयर पैसेंजर्स की संख्या में 30 फीसदी तक की कमी होगी। पहले इसमें 25 फीसदी की कमी होने की बात कही जा रही थी।
कोरोनावायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण 3 मई तक सभी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइटस पर बैन लगा हुआ है।
फिर से काम शुरू होने में लगेगा वक्त- एविएशन सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है लॉकडाउन हटने के तुरंत बाद विमानन कंपनियां अपना सारा काम नहीं शुरू कर पाएंगी। यही वजह है कि लॉकडाउन खुलने के बाद भी 100 फीसदी ऑपरेशन शुरू नहीं कर पाएंगी। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि वैक्सीन का न होना। कोरोनावायरस का अभी तक उपचार नहीं खोजा जा सका है ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग ही इससे बचने का एक मात्र तरीका है। जिसके चलते लोग ट्रैवेल करने से परहेज करेंगे । विशेषज्ञों की मानें तो फ्लाइट ऑक्यूपेंसी कम होने की वजह से एयरलाइंस कंपनियों को अपनी फ्लाइट्स को पूरी क्षमता के साथ उडाने में 18 महीने से 2 साल तक का समय लग सकता है।
बढ़ेगा फ्लाइट्स का किराया- सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से एयरलाइंस कंपनियां प्लेन में बीच की सीट खाली रखने का प्लान बना रही हैं ऐसे में फ्लाइट्स का किराया बढ़ने की आशंका काफी ज्यादा गहै।
एयरलाइंस कंपनियों को बुकिंग लेने से किया गया मना- सरकार ने एयरलाइंस कंपनियों को फिलहाल कोई और नोटिफिकेशन आने तक बुकिंग लेने से मना किया है। दरअसल जिस तरह से कोरोना के केसेज बढ़ रहे हैं माना जा रहा है कि लॉकडाउन 4 मई से आगे बढ़ सकता है।
Updated on:
22 Apr 2020 02:48 pm
Published on:
22 Apr 2020 02:47 pm
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