
Azim Premji
नई दिल्ली : आईटी जगत का जाना माना नाम अजीम प्रेमजी और उनकी पत्नी यासीन ने शनिवार को बेंगलुरु कोर्ट द्वारा जारी समन को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
क्या है पूरा मामला- अजीम प्रेमजी ( Azim Premji ) और उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट ( supreme court ) में दायर याचिका में कहा है की विद्या, रीगल और नेपियन नाम की तीनों कंपनियां जिन्हें साल 1974 में पुनर्गठित किया गया था और 1980 में इनकी शेयर होल्डिंग ( Share Holding ) को इस तरह से लिंक किया गया था कि इन तीनों में से कोई भी दो कंपनियां तीसरे की मालिक होंगी, लेकिन अब इन तीन कंपनियों का हाशिम इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी के साथ हुए मर्जर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है इसी वजह से दोनों पति-पत्नी अब सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) पहुंचे हैं।
प्रेम जी ने अपनी याचिका में कहा है कि इस प्रक्रिया को 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ( Karnataka High Court ) से परमिशन मिलने के बाद पूरा किया गया था और इसकी जानकारी से भी स्टॉक एक्सचेंज और कंपनी मामलों के मंत्रालय को दी गई थी।
वही अजीम प्रेमजी के वकील महेश अग्रवाल का कहना है कि इसके पीछे प्रेम जी के पूर्व सहयोगी सुभिक्षा सुब्रमण्यम का हाथ है वह कॉल पुलिस बदनामी और साजिश के तहत ऐसा कर रहे हैं
दानवीर है अजीम प्रेमजी - अजीम प्रेमजी ( azim premji ) की पहचान एक सफल बिजनेसमैन के अलावा फिलैंथरोपिस्ट की भी है प्रेम जी फाउंडेशन ने कोर्ट को बताया कि 2010 से लेकर अब तक कंपनी ने डेढ़ लाख करोड़ रुपए सामाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए दान किया है इसके अलावा जी प्रेम जी ने कोरोनावायरस से जंग ( WAR Against Coronavirus ) के लिए के लिए भी 125 करोड़ रुपए खर्च किए हैं
यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अजीम प्रेमजी पिछले साल अपने कंपनी के सभी पदों से रिटायर हो चुके हैं और फिलहाल उनके बेटे रिशद कंपनी संभाल रहे हैं
Published on:
27 Jun 2020 05:59 pm
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