
नई दिल्ली। कश्मीर के लोगों के लिए बीएसएनएल का लैंडलाइन फोन सेवा जीवनरेखा बन गई है क्योंकि पांच अगस्त से जम्मू-कश्मीर में मोबाइल फोन सेवा बंद है। अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त किए जाने पर कानून व्यवस्था बनाने रखने के लिए एहतियाती कदम उठाते हुए प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त को सभी फोन सेवा और इंटरनेट की सुविधा रद्द कर दी थी।
मोबाइल फोन और लैंडलाइन कनेक्शन बंद किए जाने के बाद से संचार सेवा पूरी तरह ठप हो गई थी जिससे प्रदेश के लाखों लोगों का बाहर की दुनिया से संपर्क कट गया था।
20 अगस्त के बाद बहाल हुई लैंडलाइन सेवा
कश्मीरी अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों से संपर्क नहीं कर पा रहे थे और प्रदेश के बाहर से उनका कारोबार भी प्रभावित हो गया था। लोगों को राहत प्रदान करते हुए प्रशासन ने 20 अगस्त के बाद चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में बीएसएनएल लैंडलाइन फोन सेवा बहाल करने का फैसला लिया।
अपनो से बात करने को उमड़ा लोगों को हुजुम
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा कि 96,000 लैंडलाइन फोन में से 80,000 फोन पहले से ही काम करने लगे हैं, हालांकि ब्राडबैंड इंटरनेट सुविधा अभी भी रद्द है। मोबाइल फोन सेवा बंद रहने से बीएसएनएल लैंडलाइन सेवा ही घाटी और बाहर की दुनिया के बीच संचार का एक मात्र साधन बन गया है।
श्रीनगर में बीएसएनएल के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने बताया, "इससे घाटी में बीएसएनएल के सभी दफ्तरों में संभावित ग्राहकों की भारी भीड़ हो गई है।"
दिन-राम काम करने को मजबूर हुये कर्मचारी
उन्होंने कहा, "जिन ग्राहकों ने बीएसएनएल लैंडलाइन कनेक्शन को छोड़ दिया था वे अब अपना फोन बहाल करने के लिए बकाये का भुगतान कर रहे हैं। इसके अलावा, पिछले पांच दिनों में हजारों अन्य लोगों ने नए लैंडलाइन कनेक्शन के लिए आवेदन किया है।"
उन्होंने कहा, "एक्सचेंजों में निर्बाध कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए हमारे कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं, जबकि मुख्यालयों में पदस्थापित कर्मचारी नए कनेक्शन के लिए आवेदनों को प्रोसेस करने में जुटे हुए हैं।"
Updated on:
26 Aug 2019 10:16 am
Published on:
26 Aug 2019 08:10 am
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