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भूख हड़ताल पर गए BSNL के कर्मचारी, VRS लेने को मजबूर करने का लगाया आरोप

BSNL में कार्यरत 1.6 लाख कर्मचारी 77000 कर्मचारी ले चुके हैं VRS

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BSNL unions calls for hunger strike

नई दिल्ली। देश की सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल ( bsnl ) के कर्मचारियों में मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि मैनेजमेंट उन्हें वीआरएस ( VRS ) लेने के लिए मजबूर कर रहा है। कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि ऐसा करने के लिए उन्हें धमकाया भी जा रहा है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अगर कर्मचारियों ने बात नहीं मानी तो उन्हें कई दूर ट्रांसफर कर दिया जाएगा साथ ही उनकी रिटायरमेंट उम्र सीमा को भी घटा दिया जाएगा। कर्मचारियों ने इस रवैये को देखते हुए आज से भूख हड़ताल पर बैठने का निर्णय ले लिया है।

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स्वैच्छिक नहीं फोर्स सेवानिवृति स्कीम

ऑल इंडिया यूनियंस एंड असोसिएशंस ऑफ भारत संचार निगम लिमिटेड का कहना है कि यह स्वैच्छिक नहीं बल्कि फोर्स्ड (Forced) सेवानिवृत्ति स्कीम है। यूनियन के मुताबिक वो वीआरएस स्कीम के खिलाफ नही है। लेकिन जैसा कि स्कीम का नाम है स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकिन इसके लिए डराना धमकाना कहां तक उचित है। ऑल इंडिया यूनियंस एंड असोसिएशंस ऑफ भारत संचार निगम लिमिटेड के मुताबिक यह योजना निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए फायदेमंद नहीं है और उन्हें इसे स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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क्यो मांगा जा रहा है VRS

दरअसल सरकारी टेलिकॉम कंपनी लगातार घाटे में चल रही है। कंपनी के मुताबिक अबतक करीब 77,000 कर्मचारी पहले ही वीआरएस ले चुके हैं। कंपनी में कुल 1.6 लाख कर्मचारी हैं। कंपनी के मुताबिक अगर कंपनी से करीब 80,000 कर्मचारी वीआरएस लेकर चले जाते हैं तो कंपनी का खर्च करीब 7000 करोड़ रुपए कम हो जाएगा। इसलिए मैनेजमेंट चाहती है कि कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर चले जाएं।