
खतरे में फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट सौदा!, कैट ने NCLT में दी चुनौती
नई दिल्ली। अमरीकी रिटेल कंपनी वालमार्ट की ओर से भारतीय ऑनलाइन मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट में नियंत्रक हिस्सेदारी लेने के सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से मंजूरी दिए जाने को मंगलवार को कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में चुनौती दी। कैट की ओर से जारी बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि एनसीएलएटी से इस सौदे को निरस्त करने का आग्रह किया गया है। कैट ने कहा है कि मेरिट के आधार पर आपत्ति दर्ज करने के बाद भी आयोग ने उसको सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया और इस सौदे को मंजूरी दे दी।
कम लागत पर हुआ फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट सौदा
कैट ने कहा कि उसने इस सौदे के खिलाफ आयोग में आपत्तियों का एक विस्तृत दस्तावेज दाखिल किया था, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि किस प्रकार छूट और लागत से भी कम मूल्य पर फ्लिपकार्ट पर बेचा जा रहा है। कैट का आरोप है कि वालमार्ट-फ्लिपकार्ट का गठजोड़ ई-कॉमर्स के जरिए देश के रिटेल बाजार में कीमतों को प्रभावित करेगा, जिससे असमान प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनेगा। इससे छोटे व्यापारी वालमार्ट-फ्लिपकार्ट का मुकाबला नहीं कर पाएंगे। वालमार्ट दुनिया भर से माल लाकर अपने ब्रांड से बेचेगा और प्रतिस्पर्धा खत्म करने के लिए लागत से भी कम मूल्य पर बेचना और डिस्कॉउंटिंग का रास्ता अपनाएगा।
एनसीएलटी से आपत्तियों पर गौर करने की अपील
आयोग ने उसकी सभी आपत्तियों को दरकिनार करते हुए सुनवाई तक का कोई मौका नहीं दिया हालाकिं उसने माना कि डिस्कॉउंटिंग और कम लागत पर माल बेचा जाता है लेकिन यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है और उसने सौदे को मंजूरी दे दी। कैट ने एनसीएलएटी से उसकी ओर से उठाए गए मुद्दों और आपत्तियों पर गौर करने की अपील की है। आपको बता दें कि कैट शुरू से ही फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट सौदे का विरोध कर रहा है। कैट का आरोप है कि वॉलमार्ट के ई-कॉमर्स सेक्टर में आने के बाद छोटे व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे।
Updated on:
29 Aug 2018 08:32 am
Published on:
28 Aug 2018 07:55 pm
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