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अगले एक महीने तक नहीं दिखेगा Cocacola का विज्ञापन, जानें फैसले के पीछे की वजह

कोकाकोला ने एक महीने के लिए किसी भी सोशल मीडिया ( social media ) प्लेटफार्म्स पर विज्ञापन न दिखाने ( Cocacola bans Advt For 1 month ) का फैसला किया नस्लीय भेदभाव ( Racist content ) के मामले को देखते हुए लिया फैसला

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cocacola

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नई दिल्ली: हिंदुस्तान लीवर ( HUL ) ने हाल ही में Fair & Lovely क्रीम से फेयर शब्द को हटा दिया । कंपनी के इस फैसले के बाद अब सॉफ्ट ड्रिंक्स ( soft drinks ) की मशहूर कंपनी कोकाकोला ने एक महीने के लिए किसी भी सोशल मीडिया ( social media ) प्लेटफार्म्स पर विज्ञापन न दिखाने ( Cocacola bans Advt For 1 month ) का फैसला किया है। कंपनी का कहना है कि नस्लवादी कंटेट संबंधित घटनाओं से निपटने के लिए उन्हें थोड़ा रुककर सोचने और समीक्षा करने की जरूरत है । यही वजह है कि कंपनी ने एक महीने तक विज्ञापनों पर रोक लगा ( no more cocacola advt on social media ) दी है।

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आपको बता दें कि कंपनी के इस फैसले को कंपनी को काफी बड़ा नुकसान हो सकता है लेकिन कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल वक्त की जरूरत को देखते हुए उन्होने इस फैसले को लागू करने का निश्चय किया है।

कोका-कोला ( Cocacola ) कंपनी के चेयरमैन और सीईओ ( Cocacola CEO ), जेम्स क्विनी ने अपने बयान में कहा है कि न ही दुनिया में और न ही सोशल मीडिया पर नस्लवाद ( Racist content )के लिए कोई जगह है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को ज्यादा जवाबदेह और पारदर्शी बनने की जरूरत है।

इसके साथ ही उन्होने स्पष्ट किया है कि 'ब्रेक' यह मतलब नहीं है कि वह पिछले दिनों शुरू हुए अफ्रीकी-अमेरिकी आंदोलन में शामिल हो रही है, बल्कि हम अपनी विज्ञापन नीतियों को फिर से निर्धारित करने विचार ( Cocacola will Review its Advt ) करेंगे, यह देखेंगे कि क्या इसमें संसोधन की जरूरत है। कंपनी का कहना है कि इस पूरी एक्सरसाइज का उद्देश्य सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले ग्रुप्स पर रोक लगाना है।

कई कंपनियां कर रही है सोशल मीडिया ( Social media ) का बॉयकाट- नस्लीय भेदभाव ( संबंधी कंटेट के चलते कई कंपनियों ने फिलहाल फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म्स से दूरी बना ली है। यूनीलीवर ने भी ऐलान किया था कि इस साल के आखिर तक के लिए फेसबुक ( facebook ) , ट्विटर ( Twitter ) और इंस्टाग्राम ( Instagram ) से हर प्रकार की दूरी बनाएंगे और किसी भी प्रचार को इन प्लेटफार्म्स पर जगह नहीं मिलेगी, ताकि चुनावों का ध्रुवीकरण न हो सके। वहीं फेसबुक ने इस मामले पर कदम उठाते हुए कहा है कि जल्द ही वो नफरत फैलाने वाले कंटेट को एक बड़ी कैटेगरी बनाकर उसे अपने प्लेटफार्म पर बैन कर देंगे ।