26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

French और British Whisky पीने वालों के लिए बुरी खबर, दुकानों पर नहीं मिलेंगे ये दो Brand

सीएसडी ने पेरनॉड रिकार्ड और डियाजियो के आयात पर लगाई रोक सरकार की ओर से लिया जाएगा अंतिम फैसला, विचाराधीन है मामला

2 min read
Google source verification
Imported Liquor

CSD bans imports of Pernod Ricard and Diageo

नई दिल्ली। विदेशी शराब ( Imported Whisky ) के शौकीनों के लिए बुरी खबर है। कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट ( Canteen Stores Department ) की ओर से आयात ( Import ) पर रोक लगाने के बाद अब शराब की दुकानों ( Wine Shops ) पर फ्रेंच और ब्रिटिश व्हीस्की ( French and British Whiskey ) के दो ब्रांड नहीं दिखाई देंगे। वैसे अभी तक सीएसडी ( CSD ) की ओर से कोई ऑफिशियल बयान जारी नहीं हुआ है। जानकारी के अनुसार फ्रेंच ब्रांड पेरनॉड रिकार्ड ( French Brand Pernod Ricard ) और ब्रिटिश ब्रांड डियाजियो ( British Brand Diageo ) के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है। वैसे सरकार की ओर से अभी भी यह मामला विचाराधीन है। अंतिम निर्णय सरकार द्वारा ही लिया जाएगा।

Indian Railway और Telecom Ministry करेगी Chinese Companies की विदाई, दोबारा जारी किए जाएंगे टेंडर

आर्मी कैंटीन को होती है सबसे ज्यादा सप्लाई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले को अभी विचाराधीन रखा गया है, अभ्भी लास्ट डिसीजन सरकार लेगी। अधिकारियों के अनुसार यह मुद्दा सिर्फ इंपोर्टिड शराब का नहीं है, बल्कि डिपार्टमेंट द्वारा कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान सिर्फ इजेंशियल प्रोडक्ट की खरीद का आदेश जारी किया था। अधिकारी के अनुसार इंपोर्टिड शराब पर बैन से कारोबार में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि इनका शेयर काफी कम है। आपको बता दें कि पेरनोड रिकार्ड और डियाजियो दोनों को मिलाकर लगभग 50 फीसदी आयातित शराब आर्मी कैंटीन को सप्लाई होती है।

Good News : कोरोना संकट के बीच बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर, दो महीने यह कंपनी करेगी 7 हजार कर्मचारियों की नियुक्ति

5 हजार स्टोर्स संचालित करती है सीएसडी
सीएसडी पूरे भारत में लगभग 5,000 स्टोर संचालित करती है। जहां पर प्रत्येक वर्ष 11 मिलियन शराब के केस बिकते हैं। टोटल में से 50 फीसदी रम होती है। वहीं 1 से 1.2 लाख केस इंम्पोर्टिड शराब के होते हैं। एक केस में लगभग 9 लीटर शराब होती हैं। आर्मी कैंटीन इन शराबों को डिस्काउंट में बेचा जाता है। वहीं इसके विपरीत नॉर्मल दुकानों में इनका रजिस्ट्रेशन अलग से कराया जाता है। अधिकारियों की ओर से इन शराब को भारत में कहीं और दूसरी जगहों पर नहीं बेचा जा सकता है।