
DoT ने किया मुकेश अंबानी को सपोर्ट, एयरटेल, वोडा-आइडिया पर जुर्माना लगाने का किया समर्थन
नई दिल्ली। साल 2016 में रिलायंस जियो इंफोकॉम को PoIs ( Point of Interconnection ) देने से इनकार करने के कारण ट्राई ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर 3,050 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई थी। इस पेनाल्टी से दूरसंचार कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था, जिसका आज टेलीकॉम डिपार्टमेंट dot ने समर्थन किया है। DoT ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्राई की ओर से लगाया गए जुर्माने को दूरसंचार कंपनियों को चुकाना होगा। इसके अलावा टेलिकॉम विभाग ने भी रेगुलेटर की सिफारिशों को सही ठहराया है।
DCC की बैठक में DoT के फैसले पर होगा विचार
डिजिटल कम्यूनिकेशन कमीशन (DCC) की बैठक इसी सप्ताह होनी है, जिसमें DoT की राय पर भी विचार किया जाएगा। टेलिकॉम डिपार्टमेंट में DCC फैसले लेने वाली सबसे बड़ी ईकाई है। इसी संस्था के द्वारा टेलिकॉम डिपार्टमेंट में सभी बड़े फैसले लिए जाते हैं। विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा सभी लोगों को क्वालिटी ऑफ सर्विस (QoS) और लाइसेंस प्रोविजनल नॉर्म्स का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना लगता है।
क्या है विवाद?
टेलिकाॅम डिपार्टमेंट में इन तीनों टेलिकाॅम कंपनियों का विवाद बीते ढाई साल से भी अधिक समय से चल रहा है। यह मामला साल 2016 में रिलायंस जियो की लाॅन्चिंग के बाद शुरू हुआ था। जियो ने भारती एयरटेल, वोडफाेन और आइडिया पर आरोप लगाया था कि ये कंपनियां उसे पर्याप्त PoI नहीं दे रही हैं। ये तीनों कंपनियों जियो के इस आरोप को लगातार खारिज करती है रहीं, लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकाॅम अब इस पर जल्द अंतिम फैसला ले सकता है।
क्या होता है PoI?
आपको बता दें कि PoI के जरिए एक नेटवर्क से अन्य नेटवर्क पर कॉल्स ट्रांसफर होती हैं। बिना PoI के कोई भी नई कंपनी बाजार में नहीं उतर सकती है क्योंकि जब तक कंपनी को कॉल ट्रांसफर करने की सुविधा नहीं मिलेगी तब तक वह अपनी सेवाओं का विस्तार नहीं कर पाएगी। जब जियो ने टेलिकॉम कंपनियों की शिकायत की तो उसके बाद से एयरटेल और वोडाफोन पर 1050 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया था। इसके अतिरिक्त आइडिया पर भी 950 करोड़ का जुर्माना लगा था।
टेलीकॉम सेक्रेटरी ने भी किया समर्थन
इसके अलावा आपको बता दें कि टेलीकॉम सेक्रेटरी और मेंबर, फाइनेंस ने भी इस राय का समर्थन किया है। इस मामले पर DoT के तीन सबसे वरिष्ठ अधिकारियों की सिफारिश के बाद अब DoT इसे DCC के सामने पेश करेगा और DCC में इस फैसले पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि पहले DCC को टेलीकॉम कमीशन के नाम से जाना जाता था। यह एक इंटर-मिनिस्ट्रियल संस्था है। इस संस्था की प्रमुख टेलीकॉम सेक्रेटरी अरुणा सुंदरराजन हैं। इन्ही के फैसले इस संस्था में माने जाते हैं। इस संस्था में आईटी और फाइनेंस मिनिस्ट्री और डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री के सेक्रेटरी शामिल हैं।
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Updated on:
17 Jun 2019 12:38 pm
Published on:
17 Jun 2019 12:24 pm
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