
नर्इ दिल्ली। भारत में बहुत जल्द करीब एक करोड़ लोगों को नौकरियों के अवसर मिलने वाले हैं। दरअसल, सरकार तेजी से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सिस्टम ( Electric Mobility System ) को अपनाने की तरफ बढ़ रही है। इसके लिए ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया गया है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सिस्टम के लिए वर्कफोर्स की मांग भी बढ़ेगी। इसके तहत डिजाइन, टेस्टिंग, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग, मैनेजमेंट, सेल्स, सर्विस और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वर्कफोर्स की जरूरत होगी।
वर्कफोर्स की मांग पूरी करने के लिए तैयार किया जा रहा प्रोग्राम
मिनिस्ट्र ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप ( Ministry of Skill Development And Entrepreneurship ) एक ऐसा प्रोग्राम तैयार कर रहा है जिसके तहत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सिस्टम आने के बाद वर्कफोर्स में आने वाली मांग को पूरा किया जा सके। इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके लिए एक विशेष व्यवस्था की जा रही है ताकि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडस्ट्री में आने वर्कफोर्स डिमांड की भरपार्इ की जा सके।
सरकारी संबंधित मंत्रालयों और आयोगों को दिए निर्देश
मंत्रालय इस प्रोग्राम के तहत समय रहते सभी जरूरी बातों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। सरकार ने इसके लिए सभी संबंधित मंत्रालयों और स्किल आयोगों को निर्देश दे दिए हैं। इनमें ऑटोमोटिव, पावर और डायरेक्टर जनरल ऑफ ट्रेनिंग भी शामिल हैं। सरकार की कोशिश है कि सभी पूरकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाया जा सके।
2026 तक 6.5 करोड़ रोजगार पैदा करने का लक्ष्य
बताते चलें कि सरकार ने साल 2013 में नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान को लॉन्च किया था, जिसके तहत साल 2020 तक देश की सड़कों पर 60-70 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को उतारा जा सके। सरकार का यह भी लक्ष्य है कि साल 2030 तक देश में 30 फीसदी र्इ-वाहनों को रोड पर जगह मिल सके। ऑटोमेटिव मिशन प्लान के तहत 2026 तक देश के ऑटो सेक्टर में 6.5 करोड़ रोजगार पैदा करने का भी लक्ष्य है।
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Published on:
15 May 2019 02:14 pm
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