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दिल्ली एनसीआर में इस साल आधे लोगों को भी नहीं मिल पाएगा मकान का पजेशन

दिल्ली एनसीआर में निवेश करने वाले करीब 1.66 लाख लोगों को मकानों का पजेशन नहीं मिल पाएगा, रिपोर्ट के अनुसार बिल्डर्स का इतने बड़े स्तर पर डिलीवरी कर पाना काफी मुश्किल है।

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Saurabh Sharma

Jun 19, 2018

Real estate

दिल्ली एनसीआर में इस साल आधे लोगों को भी नहीं मिल पाएगा मकान का पजेशन

नई दिल्ली। काफी समय से अपने आशियाने का इंतजार कर रहे लोगों को बड़ा झटका लगा है। एक रिपोर्ट के अनुसार वादे के अनुसार दिल्ली एनसीआर में निवेश करने वाले करीब 1.66 लाख लोगों को मकानों का पजेशन नहीं मिल पाएगा। रिपोर्ट के अनुसार बिल्डर्स का इतने बड़े स्तर पर डिलीवरी कर पाना काफी मुश्किल है। 2017 में लंबित प्रॉजेक्ट्स और पजेशन के आंकलन के आधार पर लक्ष्य का 35-40 फीसदी पजेशन मिलना भी बड़ी बात होेगी।

ये जारी हुर्इ रिपोर्ट
ऐनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर तक पजेशन का लक्ष्य पिछले साल की डिलीवरी के मुकाबले करीब चार गुना ज्यादा है। पूरे एनसीआर में डिवेलपर्स ने 2017 में 1.9 लाख फ्लैटों का पजेशन देने का वादा किया था, लेकिन वे सिर्फ 42,500 डिलिवर कर पाए, जो लक्ष्य का 22 फीसदी रहा। सबसे ज्यादा 73,000 (49 फीसदी) फ्लैट ग्रेटर नोएडा में पजेशन से वंचित रहे। गाजियाबाद में 25,300 (17 फीसदी), गुड़गांव में 19400 (13 फीसदी) और नोएडा में 16000 (11 फीसदी) फ्लैट्स की डिलिवरी समय पर नहीं हो सकी।

इन शहरों में इतनी होती है डिलीवरी
ग्रेटर नोएडा में 84,200 यूनिटों की डिलीवरी 2017 में होनी थी, लेकिन सिर्फ 13 फीसदी हो सकी, जबकि बाकी यूनिटें दिसंबर 2018 तक सौंपी जानी है। इसके अलावा दिसंबर तक कंप्लीट होने का लक्ष्य लेकर चल रहीं यूनिटों की डिलीवरी का दबाव भी होगा। गाजियाबाद में इस साल के अलावा पिछले साल के बाकी 8,100 फ्लैटों की डिलीवरी होनी है। गुड़गांव में 14,400 और नोएडा में 7,900 यूनिटों की पिछली डिलिवरी बाकी है।

नहीं हो पाएगी पूरी डिलीवरी
एनारॉक के अनुसार कुल मिलाकर एनसीआर में दिसंबर 2018 तक 1.66 लाख घरों की डिलिवरी होनी है, जो एक बड़ी चुनौती लग रही है। रेरा के चलते कंप्लीशन और डिलिवरी की प्रक्रिया तेज हुई है और ग्राहकों की उम्मीदें भी ज्यादा हैं, लेकिन पिछले साल के रिकॉर्ड और मौजूदा साल के आकलन के आधार पर आधे से थोड़ा कम पजेशन मिल जाना भी बड़ी बात होगी।

दिखार्इ दे रहा है जीएसटी का असर
निर्माण और पजेशन की प्रक्रिया में पिछले साल लागू जीएसटी का भी ज्यादा असर रहा है। 1 जुलाई 2017 के बाद से कंप्लीशन सर्टिफिकेट पाने वाले और अधूरे निर्माण पर काम शुरू करने वाले प्रॉजेक्ट्स के लिए डिवेलपर्स को रणनीतियां बदलनी पड़ी हैं। इसके चलते भी डिलिवरी में देरी हुई है। हालांकि यूपी सरकार और नोएडा अथॉरिटी की ओर से दखल के बाद से भी नोएडा और गाजियाबाद में पजेशन की प्रक्रिया तेज हुई है।