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माइक पोम्पियो के दौरे से पहले हुवावे का बड़ा बयान, दबाव में कोई फैसला ना ले भारत

आज अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (mike pompeo) का भारत दौरा शुरू हो रहा है, जिसमें 5 जी (5G) परिक्षण में हुवावे (Huawei) की भागीदारी को लेकर चर्चा हो सकती है।

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Mike Pompeo

माइक पोम्पियो के दौरे से पहले हुवावे का बड़ा बयान, दबाव में कोई फैसला ना ले भारत

नई दिल्ली। चीनी दूरसंचार कंपनी हुवावे ( Huawei ) ने भारत में 5जी परीक्षण ( 5G trials ) में उसकी भागीदारी को लेकर कहा कि नई दिल्ली ( New Delhi ) को कंपनी को समान अवसर प्रदान करना चाहिए। साथ ही किसी के दबाव में आकर कोई फैसला नहीं करना चाहिए। कंपनी असमंजस में है कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ( American Foreign Minister Mike Pompeo ) के इस सप्ताह भारत दौरे के दौरान सुरक्षा का मसला उठा सकते हैं। आपको बता दें कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) की ओर से चीनी कंपनी का सहयोग ना करने की बात कही है। अमरीका का मानना है कि चीनी कंपनी अपने उपकरणों का इस्तेमाल दूसरे देशों की जासूसी करने के लिए कर रहा है। हालांकि हुआवेई ने इस आरोप का खंडन किया है। आज माइक पोम्पियो ( Mike Pompeo ) भारत दौरा शुरू हो रहा है। जिसमें भारत और अमरीका के बीच हुवावे को लेकर बातचीत हो सकती है।

भारत के लिए दस साल स्वार्णिम काल
हुवावे के सीईओ जे चेन ने भारत को दबाव में गलत फैसला लेने के विरुद्ध आगाह करते हुए कहा कि भारत को दुनिया के साथ व्यवहार में अपने स्वतंत्र व सहयोगपूर्ण रुख पर कायम रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अगला दस साल विकास का स्वार्णिम काल हो सकता है। भारत को 2025 तक देश को 1,000 अरब की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दुनिया से सर्वोत्तम प्राप्त करना चाहिए। आपको बता दें कि पोम्पियो का तीन दिवसीय भारत दौरा मंगलवार को शुरू हो रहा है। इस दौरान देश में 5जी की शुरुआत में हुआवे की भागीदारी के मसले पर भारत और अमरीका के बीच बातचीत हो सकती है।

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ट्रेड वॉर में फंसी कंपनी
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अपने सहयोगियों के 5जी परीक्षण में चीनी दूरसंचार कंपनी की भागीदारी के खिलाफ तीखा अभियान चलाए जाने से हुआवेई खुद को विश्व व्यापार जंग में फंसी देख रही है। अमेरिका ने चीन द्वारा उसकी कंपनी के उपकरणों का इस्तेमाल दूसरे देशों की जासूसी के लिए किए जाने का संदेह जाहिर किया है। भारत ने पहले ही दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार उपकरण आपूर्तिकर्ता कंपनी की 5जी में भागीदारी को लेकर उत्पन्न चिंताओं पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है।

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