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मास्क ने घटाई Lipstick की चमक, जमकर हो रही है काजल की खरीदारी

कोरोना में महिलाओं ने लिपस्टिक लगाना किया कम मास्क की वजह से छिप जाती है लिपस्टिक  आई मेकअप बना कस्टमर्स का फेवरेट कंपनियां कर रही है आई मेकअप पर फोकस

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस ने लोगों के लिए मास्क पहनना जरूरी कर दिया है इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से घर से बाहर निकलने के चांसेज भी कम हो गए हैं। ऐसे में इन सबका असर लोगों के तैयार होने के तरीके पर पड़ा है।

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लड़कियां और महिलाएं आज के दौर में लिपस्टिक ( Lipstick ) का इस्तेमाल करने से बच रही है। हालांकि वीडियो कॉल या प्रजेंटेशन के वक्त लिपस्टिक अभी भी लगाई जा रही है। लेकिन हर बार फाइनेंशियल क्राइसिस के वक्त मेकअप खासतौर पर लिपस्टिक इंडेक्स बढ़ जाया करता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। कोरोना वायरस के चलते लोग लिपस्टिक की जगह काजल और दूसरे आई मेकअप ( eye makeup ) का इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं। जिसकी वजह से लिपस्टिक की बिक्री ( sale of lipstick ) में कमी आई है।

Eye Makeup को मिला बढ़ावा-

कंज्यूमर के बिहेवियर ( Consumer behaviour ) को ध्यान में रखते हुए कॉस्मेटिक बनाने वाली कंपनियां फिलहाल kajal, eyeshadow, eyeliner जैसे प्रोडक्ट के निर्माण को बढ़ावा दे रही है। दरअसल कंपनियों का मानना है कोरोना के बाद हालात सामान्य होने पर भी लोग मास्क पहनना जारी रखेंगे और कुछ कंपनियों में तो मास्क पहनना अनिवार्य बना दिया जाएगा जिसकी वजह से लिपस्टिक की उपयोगिता कम हो जाएगी। यही वजह है कि कंपनियां आई मेकअप प्रोडक्ट्स पर फोकस करना चाह रही है।

L’Oreal India की कंज्यूमर और मार्केटिंग इनसाइट डायरेक्टर कविता अंगरे भी इस बात की तस्दीक करती है। वहीं ऑनलाइन ब्यूटी प्रोडक्ट सलिंग कंपनी nykaa का कहना है कि कोविड-19 की वजह से eye makeup की डिमांड ( eye makeup sale ) बढ़ी है और आलम ये है कि अब ये top 5 की जगह Top 3 सेलिंग ब्यूटी प्रोडक्ट में आ गया है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि भारत हमेशा से ही आई मेकअप मार्केट रहा है क्योंकि आईमेकअप का मार्केट शेयर 36 फीसदी जबकि लिपस्टिक का 32 फीसदी है।

वहीं जानकारों का मानना है कि भले ही लिपस्टिक का इस्तेमाल कम हुआ हो लेकिन लोग अब पर्सनल केयर प्रोडक्ट जैसे लिप बॉम और स्किन केयर पर ज्यादा पैसा खर्च करेंगे ।