
Modi govt big move for make in India and Atma Nirbhar Bharat Mission
नई दिल्ली। जहां एक ओर देश कोरोना काल ( coronavirus Period ) में चीन के खिलाफ अलग तरीके की जंग लड़ रहा है। वहीं जंग इस बात की भी है कि देश को आत्मनिर्भर ( Atma Nirbhar Bharat ) कैसे बनाया जाए और मेक इन इंडिया ( Make In India ) को कैसे बढ़ावा मिले? इसके लिए सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया है। अब सरकारी ई-मार्केटप्लेस ( Govrenment E-Marketplace ) में रजिस्टर सामानों का कंट्री ऑफ ऑरिजिन ( Country of Origin ) के साथ यह भी बताना होगा कि आखिर इसमें कितनी क्वांटिटी है। वहीं बाकी जानकारियां भी देनी होंगी। ऐसा ना करने पर विक्रेता के प्रोडक्ट को प्लेटफॉर्म से हटा लिया जाएगा।
देनी होगी प्रोडक्ट की पूरी जानकारी
सरकारी ई-मार्केटप्लेस में अब नया फीचर जुड़ गया है। जिसके तहत सेलर्स को अपने प्रोडक्ट को अपलोड करते वक्त मूल देश का नाम भी बताना होगा। इसके लिए उन्हें बार-बार रिमाइंडर भी भेजे जाएंगे। उसके बाद भी अपडेट नहीं होता है तो प्रोडक्ट को प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा। इसके अलावा विक्रेताओं को प्रोडक्ट के निर्माण स्थान या इंपोर्ट के बारे में भी बताना होगा। वहीं यह भी जानकारी देनी होगी कि प्रोडक्ट में स्थानीय सामग्री कितनी है?
मेक इन इंडिया का फिल्टर भी हुआ शुरू
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के मकसद से यह फैसला लिया है। सबसे जरूरी बात ये है कि पोर्टल पर मेक इन इंडिया का फिल्टर ने भी काम करना शुरू कर दिया है। खरीदारों के पास अब कम-से-कम 50 फीसद स्थानीय सामग्री लगे उत्पादों को खरीदने का भी ऑप्शन होगा। आपको बता दें कि कोरोना वायरस के दौर में जब सरकारी संगठनों को तात्कालिक जरूरत पड़ रही है, ऐसे समय में जीईएम काफी प्रभावी होने के साथ किफायती भी साबित हो रहा है।
Updated on:
23 Jun 2020 03:46 pm
Published on:
23 Jun 2020 03:44 pm
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