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नेटफ्लिक्स, प्राइम जैसे OTT Platforms को बड़ी राहत, नहीं बनाए जाएंगे अलग से नियम

ट्राई की ओर से OTT Platforms पर अलग से नियम बनाए जाने की मांग को किया खारिज इंटरनेशनल टेलिकम्यूनिकेशन यूनियन ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट में सौंपेगा रिपोर्ट

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OTT Platforms big relief, no separate rules will be made, Said Trai

OTT Platforms big relief, no separate rules will be made, Said Trai

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन में ओटीटी प्लेटफॉर्म ( OTT Platforms ) की व्यूअरशिप में काफी इजाफा देखने को मिला है। वहीं कंटेंट के मामले में भी ओटीटी प्लेटफॉर्म काफी रिच भी दिखाई दे रहे हैं। साफ कीा जा सकता है कि भारत में ओटीटी प्लेटाफॅर्म इंडस्ट्री काफी फलफूल रही है। इसे लेकर अब ट्राई की ओर से बड़ा बयान आया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की ओर से ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर नए कानून और नियम की मांग की याचिका को खारिज कर दिया है। ट्राई का साफ कहना है कि अभी इसकी कोई जरुरत नहीं है। इस आदेश के बाद नेटफ्लिक्स, प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म को बड़ी राहत मिली है।

इस पूरे मामले में ट्राई का आदेश
ट्राई की ओर से सोमवार को कहा गया है कि ट्राई ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क नही बनाएगा। भविष्य में इसकी जरूरत महसूस होती है, तो इस पर काम किया जा सकता है। इस मामले में उस वक्त विचार होगा, जब इंटरनेशनल टेलिकम्यूनिकेशन यूनियन ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर अपनी रिपोर्ट देगा और इंटरनेशनल कोर्ट ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपना कोई आदेश देगा। इससे पहले मोबाइल ऑपरेटर्स द्वारा ट्राई और सरकार से ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए एक रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क बनाने की मांग की थी। उनका कहना है कि ओटीटी कंपनियां नियम और कानून के दायरे में नही हैं और ग्राहकों को उनके ही नेटवर्क से मुफ्त में सर्विस प्रोवाइड कराती हैं। जिसकी वजह से उनकी कमाई पर असर पड़ रहा है।

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नहीं होनी चाहिए दखलंदाजी
ट्राई की ओर से आए बयान के अनुसार ओटीटी सर्विस से संबंधित प्राइवेसी और सिक्योरिटी के मुद्दे को लेकर फ्रेमवर्क बनाकर किसी तरह की दखलंदाजी ठीक नहीं है। ट्राई के अनुसार इसे ओटीटी सर्विस के खिलाफ एक मौके के तौर पर लेना ठीक नहीं है। ट्राई ने कहा कि ओटीटी सर्विस के लिए रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क बनाने का मुद्दा नवंबर 2018 में उठाया गया था। जब इस मामले में काफी चर्चा हो चुकी है और इंड्रस्ट्री से इस मामले में कई मुद्दों पर रायशुमारी की जा चुकी है। ट्राई का कहना है कि टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर और ओटीटी सर्विस के मुद्दे में कोई भिन्नता नहीं है।