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Railway Board का आदेश, जल्द खत्म होगा अंग्रेजों के जमाने का यह नियम

Railway अपनी लागत कम करने के लिए बंद करने जा रहा है Dak Messenger Service Railway Board ने सभी Zone को भेजा निर्देश, Video Conferencing से बातचीत

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Saurabh Sharma

Jul 26, 2020

Indian Railway

Railway Board order, this rule of British era will end soon

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ( coronavirus ) की वजह से प्राइवेट और सरकारी सभी जगहों पर आर्थिक चोट पहुंची है। जिसे भरने के लिए सभी सरकारी डिपार्टमेंट की ओर से सेवाओं में कटौती कर रही है। अब रेलवे ( Indian Railways ) ने भी अपनी एक सर्सिव को कम करने का फैसला लिया हैै। भारतीय रेलवे बोर्ड ( Railway Board ) की ओर निर्देश जारी किए गए हैं कि अंग्रेजों के समय की डाक मैसेंजर सेवा ( Dak Massenger Service ) को बंद कर दिया जाए। सभी जोन को आदेश दिए गए हैं कि तमाम अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग ( Video Conferencing ) के जरिए कंयूनिकेशन साधने की कोशिश करें। ताकि इस सर्विस से होने वाले खर्च को कम किया जा सके। रेलवे बोर्ड ने इस आदेश का पालन जल्द से जल्द करने को कहा है। बोर्ड के अनुसार अलाउंस, स्टेशनरी और फैक्स आदि पर होने वाले एक्सपेंसिव को खत्म किया जा सके।

आखिर कौन, क्या और किसलिए होते हैं डाक मैसेंजर?
इंडियन रेलवे की भाषा में डाक मैसेंजर को आसान शब्दों में समझने का प्रसास करें तो ये एक तरह वो लोग होते हैं जो सेंसिटिव डॉक्यूमेंट्स को रेलवे बोर्ड से कई विभागों, जोन और डिविजनों में पहुंचाने का काम करते हैं। इस व्यवस्था की शुरुआत अंग्रेजी हुकूमत ने उस समय की थी जब दुनिया में इंटरनेट और ईमेल की सुविधा शुरू नहीं हुई थी। अधिकारियों की मानें तो मौजूदा समय में जब सभी डॉक्युमेंट्स, नोट औैर आदेश ईमेल से भेजने की सुविधा है तो ऐसे में डाक मैसेंजर्स की प्रासंगिकता खत्म हो गई है। ऐसे में इनका आधिकारिक रूप से उपयोग बंद किया जा रहा है।

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इससे पहले भी उठाए गए हैं कई कदम
वहीं दूसरी ओर रेलवे की ओर से खर्च कम करने को लेकर पहले भी कई कदम उठाए गए हैं। रेलवे की ओर से नए पदों की भर्तियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। वर्कशॉप्स से इंप्लाइज की संख्या को कम किया गया है। वहीं कई कामों को आउटसोर्स के माध्यम से किया जा रहा है। वहीं नए टेंडर जारी करने के लिए भी मनाही कर दी गई है। आपको बता दें कि रेलवे की ओर से स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। रेलवे की ओर से करोड़ों लोगों को लॉकडाउन के दौरान उनके घरों की ओर पहुंचाया हैै। इस दौरान रेलवे के कर्मचारी सबसे बड़े कोरोना वॉरियर के रूप में सामने आए हैं।

लागत कम करने के दिए निर्देश
इससे पहले रेलवे बोर्ड की ओर से सभी जोनों को कर्मचारियों की संख्या को कम करने, उन्हें अलग जिम्मेदारियां देने की बात कहीं गई थी। साथ ही मौजूदा समय में जो टेंडर और कांट्रैक्ट्स जारी किए गए हैं उनकी समीक्षा करने को कहा गया था। साथ ही बिजली के बिल को कम करने दूसरे एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सपेंसिव को कम करने, डॉमेस्टिक ऑफिशियल टूर की जगह विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग करने को कहा गया था।