
loan recovery
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) ने Asset Reconstruction Company को लोन रिकवरी ( Loan Recovery ) के लिए असभ्य तरीकों से बचने की सलाह दी है। rbi ने इन कंपनियों को 'फेयर प्रैक्टिसेज कोड' अपनाने को कहा है। इस कोड के तहत वसूली के लिए असभ्य और गैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल करने पर रोक लगी हुई है। इतना ही नहीं इस कोड के तहत वसूली के तरीकों में पारदर्शिता और निष्पक्षता की बात भी कही जाती है।
सार्वजनिक होंगी जानकारियां- Reserve Bank Of India ( RBI ) ने ARC कंपनियों को सलाह दी है कि वो लोन रिकवरी से जुड़ी सभी बातों को सार्वजनिक करें। यानि अब हितधारकों की जानकारी के लिए एफपीसी को सार्वजनिक डोमेन में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा एआरसी को प्रबंधन शुल्क, खर्चे यदि कोई हो और इंसेंटिव पर बोर्ड की मंजूर नीति का पालन करना चाहिए। यह नीति पारदर्शी ( Transparency ) होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मैनेजमेंट फीस उचित और वित्तीय लेनदेन के अनुपात में हो। आरबीआई का कहना है कि रिकवरी की किसी भी प्रक्रिया को शुरू करने से पहले रिकवरी के लिए शर्तों के साथ नोटिस जारी करना होगा ।
इसके साथ RBI ने निर्देश दिये है कि रिकवरी के काम को करने वाले एजेंट्स ( loan Recovery Agents ) को कंपनियां अच्छी तरह से काम के लिए ट्रेनिंग दें ताकि व संवदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारी पूरी कर पाएं । कॉलिंग ऑवर, ग्राहकों की जानकारी की गोपनीयता आदि जैसे पहलुओं के संबंध में भी रिकवरी एजेंट्स ( Recovery Agents ) को संवेदनशील होना चाहिए।
Published on:
17 Jul 2020 11:49 am
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