
Real estate shattered by Corona, house sale 52 pc down in 1st 6 month
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का कहर ( Coronavirus Crisis ) आने से पहले ही रियल एस्टेट सेक्टर ( Real Estate Sector ) ही हालत काफी खराब थी। देश में इस सेक्टर में घोर मंदी मंडराई थी, जिसे मार्च के बाद कोरोना वायरस ने और ज्यादा दबा दिया। खास बात तो ये है कि देश का बैंकिंग सेक्टर ( Banking Sector ) रियल एस्टेट को सपोर्ट करने के लिए होम लोन की दरों ( Home Loan Interest Rates ) को 20 साल के सबसे निचले स्तर पर ला चुका है। उसके बाद भी सेक्टर को बूस्ट नहीं मिल पा रहा है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार के साल की पहली छमाही में देश में मकानों की बिक्री में 52 फीसदी की गिरावट ( House Sales Down ) देखने को मिली है। प्रॉप टाइटर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की समान अवधि से तुलना की करें तो ना तो प्रोजेक्ट्स की लांचिंग ( New Project Launching ) उतनी हुई है और ना ही कीमतों में इजाफा हुआ है। यह रिपोर्ट 8 बड़े शहरों का सर्वे करके तैयार की गई है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस रिपोर्ट में किस तरह के आंकड़े सामने आए हैं।
मकानों की बिक्री में 52 फीसदी की गिरावट
- जनवरी-जून 2020 के दौरान लगभग 88,593 मकानों की बिक्री हुई।
- पिछले वर्ष समान अवधि में 1.85 लाख मकानों की बिक्री हुई थी।
- 2020 की पहली छमाही में सप्लाई प्रभावित होने के कारण 48,232 यूनिट्स लांच हुईं।
- 2019 की समान अवधि में 1.36 लाख यूनिट्स लांच हुई थीं।
- कैलेंडर वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही सबसे ज्यादा प्रभावित थी, इस दौरान फस्र्ट क्लास मार्केेट्स में 73 फीसदी कम यानी 19,038 मकान बिके।
- कैलेंडर वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में 92,764 मकानों की ब्रिकी देखने को मिली थी।
- 45 लाख रुपए तक कीमत वाले सस्ते मकान रियल एस्टेट सेक्टर में छाए रहे, और कुल बिक्री में इनकी 44 फीसदी हिस्सेदारी देखने को मिली।
- नए प्रोजेक्ट्स की लांचिंग में 81 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
- 30 जून को समाप्त हुई तिमाही में 12,564 यूनिट्स लांच हुईं।
- मुंबई, पुणे, कोलकाता और चेन्नई में यूनिट्स की लांचिंग में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली।
कई तरह की हैं समस्याएं सामने
प्रॉप टाइगर डॉट कॉम के ग्रुप सीओओ, मणि रंगराजन के अनुसार कंज्यूमर को लुभाने के लिए डेवलपर लचीली भुगतान योजना, चुनिंदा छूट और मूल्य संरक्षण योजनाओं का ऑफर कर रहे हैं। लेकिन वे सजग हैं और मौजूदा प्रोजेक्ट्स को पूरा करने पर जोर दे रहे हैं। वास्तव में मौजूदा प्रोजेक्ट्स की डिलिवरी पीछे खिसक सकती है, क्योंकि सप्लाई चेन, मजदूरों की उपलब्धता और लिक्विडिटी सर्कूलेशन बुरी तरह से प्रभावित है। आने वाले दिनों में इन सभी राहत मिलने पर ही डिपेंड करेगा।
Published on:
29 Jul 2020 09:23 am
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