
खुल गर्इ पोल, 'मेक इन इंडिया' नहीं है मुकेश अंबानी का JioPhone, ये है असली हकीकत
नर्इ दिल्ली। भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने 41वें एजीएम बैठक में बड़े जाेरो शोर से रिलायंस जियोफोन-2 का लाॅन्च करने की घोषणा किया था। जियोफोन के लाॅन्च होने की घोषणा के बाद इस मामले से जुड़े जानकारों ने कयास लगाया था कि इससे कर्इ स्थानीय कंपनियों का कारोबार तो प्रभावित होगा बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट 'मेक इन इंडिया' को भी हरा देगा। 15 अगस्त को लाॅन्च होने वाले जियोफोन-2 की असली हकीकत सामने आ गर्इ है।
TMA ने क्या कहा
इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 'द मोबाइल एसोसिएशन' (टीएमए) के मोबाइल एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष भूपेश रसीन, जो कार्बन, लावा और जिवी मोबाइल जैसे हैंडसेट निर्माताओं समेत लगभग 200 फर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने अख़बार से इंटरव्यू में जियोफोन-2 से जुड़ी कर्इ बातें कही हैं। उन्होंने कहा ''विभिन्न बाजार स्रोतों से एकत्रित हमारी समझ के अनुसार, JioPhone2 किसी भी पुराने फोन के बदले में उपलब्ध होने जा रहा है। उदाहरण के लिए माइक्रोमैक्स और लावा रेंज जैसे विभिन्न ब्रांडों द्वारा प्रस्तावित 4जी फीचर फोन के लिए सामान्य खुदरा कीमत 2,100 रुपये से 3,333 तक है''।
फीचर फोन बनाने वाली कंपनियों के कारोबार को लगेगा झटका
TMA ने कहा ''यदि रिलायंस जियो को 501 रुपये प्रति यूनिट के बहुत कम कीमत फोन बेचता है तो तो इंटेक्स, इटेल, जिवी मोबाइल, कार्बन, लावा, माइक्रोमैक्स और लगभग 100 अन्य ब्रांड जैसे वास्तविक मोबाइल विक्रेताओं के कारोबार को झटका लगेगा''। टीएमए के अनुसार ''काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, फीचर फोन के कुल शिपमेंट में जियो का बाजार हिस्सा CY 2017 के Q4 में इकाइयों के मामले में 26% पर दर्ज किया गया था, जबकि पूरे कैलेंडर वर्ष 2017 के लिए, यह 11% होने का अनुमान था''।
भारत में नहीं बने हैं जियोफोन
उन्होंने कहा कि जियोफोन डिवाइस भारत में नहीं बने हैं। हमारी समझ के अनुसार जियोफोन डिवाइस सभी चीन से आयात किए जाते हैं। दूरसंचार सेवा प्रदाता अब 0% सीमा शुल्क का लाभ उठाने के लिए इंडोनेशिया के माध्यम से बड़ी मात्रा में आयात करने की योजना बना रहा है। इंटरव्यू में टीएमए ने कहा 'दूरसंचार सेवा प्रदाता को जियोफोन 2 4जी फीचर फोन 501 रुपये प्रति यूनिट पर बेचने की अनुमति देने से कम से कम 100 निर्माताओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जिसमे इंटेक्स, इंटेल, जिवी मोबाइल, कार्बन, लावा और माइक्रोमैक्स जैसे कुछ प्रमुख ब्रांड शामिल हैं।
Published on:
15 Jul 2018 04:04 pm
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