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JIO धमाके के बाद अब मुकेश अंबानी यहां करने जा रहे हैं निवेश, स्टील सेक्टर को टक्कर देने की तैयारी

अंबानी की कपंनी RIL देश के एयरोस्पेस आैर रक्षा जरूरतों के लिए कार्बन फाइबर विनिर्माण इकार्इ में निवेश करने जा रही है।

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Mukesh Ambani

JIO धमाके के बाद अब मुकेश अंबानी यहां करने जा रहे हैं निवेश, स्टील सेक्टर को टक्कर देने की तैयारी

नर्इ दिल्ली। साल 2016 में रिलायंस जियो के लाॅन्च के साथ ही देश के टेलिकाॅम सेक्टर में धूम मचाने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के मुखिया मुकेश अंबानी अब एक अौर सेक्टर में धूम मचाने को तैयार हैं। अंबानी की कपंनी RIL देश के एयरोस्पेस आैर रक्षा जरूरतों के लिए कार्बन फाइबर विनिर्माण इकार्इ में निवेश करने जा रही है। अंबानी के इस निवेश के बाद ये देश का अपने तरह की सबसे पहली इकार्इ होगी। कंपनी की तैयारी है कि वो बेहद कम लागत में माॅड्यूलर शौचालय आैर घर के साथ विंडमिल ब्लेड आैर रोटर ब्लेट अादि उत्पादों के लिए कंपोजिट्स उत्पाद बनाए।


रिपोर्ट में किया जिक्र

हालांकि ने रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अभी तक इसके बार में किसी प्रकार का कोर्इ ब्यौरा तो नहीं दिया है लेकिन अपने वार्षिक रिपोर्ट में इसके बारे में जिक्र जरूर किया है। रिलायंस ने रिपोर्ट में कहा है कि वो प्लास्टिक आैर धातु उत्पादों की विस्तृत श्रंखला की वस्तुआें के लिए 3D प्रिंटिंग के लिए क्षमताएं विकसित कर लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'RIL देश की पहली एेसी कंपनी होगी जो सबसे बड़े कार्बन फाइबर उत्पादन इकार्इ में निवेश करेगी। इससे भारत के एयरोस्पेस आैर रक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।'

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स्टील से भी बेहतर उत्पाद तैयार करेगी कंपनी

अापको बता दें कि कंपोजिट करोबार में उतरने के लिए पिछले साल ही रिलायंस इंडस्ट्री ने केमरोक इंडस्ट्रीज के अस्तियों का अधिग्रहण किया था। फिलहाल कंपनी का ध्यान खासकर ग्लाव व कार्बन फाइबर रीइन्फोर्स्ड पाॅलिमर (एफआरपी) जैस थर्मोसेट कंपोजिट पर अधिक है। एफआरपी की सबसे खास विशेषता ये होती है कि इसमें काफी कम वजन होने के बाद भी ये असाधारण ताकत (स्टील के समान या उससे अधिक) वाला होता है। इसके अलावा इसमें कठोर मौसम को भी झेलने की क्षमता होती है। वहीं इसके रखरखाव में भी कम खर्च कम होता है आैर लंबे अवधि के लिए चलता है।


क्या है RIL की योजना

इस निवेश के साथ ही रिलायंस पेट्रोकेमिकल्स कारोबार में 30,000 करोड़ रुपए के कारोबार पर कब्जा करना चाहती है। कंपनी की योजना है कि स्टील की जगह लेने वाले फाइबर प्रबलित कंपोजिट्स, गैपर, एनहांस्ड प्लास्टिक आैर इलास्टोमर तैयार करे। एक कंपोजिट दो या दो से अधिक उत्पादों से बनाया जाने वाला एक इंजिनियरिंग कंपोजिट होता है जिसमें भौतिकी एवं रसायनिक रूप से अलग गुण होते हैं। कंपोजिट के तौर पर सबसे अधिक उपयोग होने वाले उत्पादों में कार्बन भी है।