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मोदी सरकार में अरबपतियों की बल्ले-बल्ले, साल भर में 18 फीसदी बढ़ी संपत्ति

एक अरब डाॅलर से अधिक की संपत्ति रखने वाले अमीरों के खजाने में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

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मोदी सरकार में अरबपतियों की बल्ले-बल्ले, साल भर में 18 फीसदी बढ़ी कमार्इ

नर्इ दिल्ली। नरेन्द्र मोदी की अगुवार्इ वाली एनडीए सरकार में भले ही आप महंगार्इ आैर पेट्रोल-डीजल की कीमताे में तेजी से परेशान हो लेकिन देश के अरबपतियों ने अपनी झोली जमकर भरी है। पिछले एक साल में भले ही भारतीय अर्थव्यवस्था जीएसटी आैर नोटबंदी की मार झेल रही हो लेकिन देश के अमीरों की संपत्ति में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली हैै। एक अरब डाॅलर से अधिक की संपत्ति रखने वाले अमीरों के खजाने में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके बारे में खुलासा बाॅस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) ने किया है।


देश के अरबपतियों के पास भारत की कुल संपत्ति का 16 फीसदी हिस्सा

बाॅस्टन कंसल्टिंग के ग्लोबाल वेल्थ रिपोर्ट 2018 के अुनसार, करीब 50 एेसे लोग है जिनकी कुल संपत्ति 1 अरब डाॅलर से अधिक है आैर उनके पास भारत की कुल संपत्ति का करीब 16 फीसदी हिस्सा है। यह वैश्विक स्तर पर एशिया प्रशांत महासागर (जापान को छोड़कर) क्षेत्र में अरबपतियों के शेयरों की तुलना में काफी अधिक है। जबकि वैश्विक स्तर पर देखें तो दुनियाभर के अरबपति विश्व का केवल 7 फीसदी हिस्सा ही रखते हैं। एशिया प्रशांत महासागर में ये हिस्सेदारी 9 फीसदी की है। इसमें जापान के आकंड़ें शामिल नहीं है।


वैश्विक स्तर पर व्यक्तिगत वित्त में भारी बढ़ोतरी

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक व्यक्तिगत वित्तीय संपत्ति 2017 में 12 प्रतिशत बढ़कर 201.9 ट्रिलियन अमरीकी डाॅलर हो गया है। पिछले वर्ष की तुलना में देखें तो इसमें काफी बढ़ोतरी हुर्इ है। जबकि वैश्विक संपत्ति 4 प्रतिशत बढ़ी है, और पिछले पांच वर्षों में डॉलर की शर्तों में सबसे मजबूत वार्षिक वृद्धि दर का प्रतिनिधित्व किया गया है।


रिपोर्ट तैयार करन में रखा गया है इन बातों का ध्यान

इन सभी अर्थव्यवस्थाअों को में तेजी के लिए बुलियन मार्केट में आर्इ तेजी है। इक्विटी आैर निवेश फंड में आर्इ तेजी के वजह से सबसे जोरदार तेजी देखने को मिली। इसके साथ ही अधिकतर देशों की करेंसी में डाॅलर के मुकाबले नरमी देखी गर्इ है। बीसीजी का ये 18वां वार्षिक रिपोर्ट वैश्विक अौर क्षेत्रिय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। इस रिपोर्ट में इस बात की भी ध्यान रखा जाता है कि किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत वित्त, उसके देश-विदेश से इकट्ठा होने वाले राजस्व कितना है।