
नर्इ दिल्ली। बुधवार को जेपी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लताड़ लगार्इ। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवार्इ के दौरान कहा कि जेपी को किसी भी हाल में निवेशकों द्वारा जमा किए गए रकम काे लौटाना होगा। इसी के साथ कोर्ट ने जेपी एसोसिएट लिमिटेड को 10 मर्इ तक 200 करोड़ रुपए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में दो किश्तों में जमा कराने को कहा हैं। इसकी पहली किश्त 100 करोड़ रुपए की होगी जिसे 15 अप्रैल तक जमा कराना होगा। वहीं दूसरी किश्त भी 100 करोड़ रुपए की होगी जिसे 10 मर्इ तक जमा कराना होगा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि, जेपी एसोसिएट खरीदारों के पैसे पर बैठा नहीं रह सकता। कार्ट कोर्ट को इस बात की चिंता है आैर खरीदारों को फ्लैट या उनका पैसा दिलाने में मदद करना चाहता हैं।
16 अप्रैल को होगी अगली सुनवार्इ
अब इस मामले की अगली सुनवार्इ 16 अप्रैल को होगी। आपको ज्ञात हो कि दिवालिया होने की कागार पर खड़ी जेपी एसोसिएट्स को 2000 कराेड़ रुपए जमा करने है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उसे अलग-अलग किश्तों में ये रकम जमा करने की मोहलत दी थी। इनमें से जेपी ग्रुप ने पहले ही 550 करोड़ रुपए जमा करा दिया हैं। सुप्रीम काेर्ट ने पहले ही एमिक्स को उन खरीदारों के संबंध में चार्ट देने को कहा जो रिफंड चाहते हैं।
रिफंड मांगने वालों को कोर्ट ने दिया राहत
जिसके जवाब में एमिक्स ने बताया कि, कुल 31,000 खरीदारों में से 2800 अपना पैसा वापस चाहते हैं। कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि पहले वो खरीदारों का मूलधन वापस करना चाहता है। वहीं काेर्ट ने उन लोगों को भी राहत दिया है जो अपना रिफंड चाहते हैं। इनके लिए कोर्ट ने कहा है कि रिफंड की मांग करने वाले लोगों को किश्त की डिमांड नोटिस न भेजा जाए।
पहली किश्त जमा करें तभी करेंगे राहत देने पर विचार
कोर्ट ने अगली सुनवार्इ की तारीख पर शर्त लगाते हुए कहा कि, यदि जेपी ग्रुप 15 अप्रैल तक पहली किश्त जमा कर देता है तभी कोर्ट उसे आगे राहत देने पर विचार करेगा। सही समय पर किश्त नहीं जमा करने की सूरत में काेर्ट आगे का निर्णय 16 अप्रैल को लेगा।
Published on:
21 Mar 2018 01:46 pm
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